राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद में मध्यस्थता प्रक्रिया को खत्म करने की मांग वाली याचिका ठुकरा दी है.
मध्यस्थता प्रक्रिया खत्म करने वाली याचिका हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने लगाई थी. गोपाल सिंह की दलील थी कि मध्यस्थता के लेकर किए गए प्रयासों से अयोध्या विवाद सुलझाने की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है, लिहाजा इसे रोकर सुप्रीम कोर्ट मामले की जल्द सुनवाई करे. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मध्यस्थता प्रक्रिया खत्म नहीं होगी और वह मध्यस्थता पैनल की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करेगी.
अपनी सुनवाई के दौरान बेंच ने ये भी कहा कि जरूरी हुआ तो 25 जुलाई से अयोध्या मामले में रोज सुनवाई होगी. आपको बता दें कि राम मंदिर मामले के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च में पूर्व न्यायाधीश एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल बनाया था. इसमें अध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस पैनल का गठन इसलिए किया है क्योंकि वो अयोध्या मामले में सर्वमान्य हल निकालना चाहता है. सुप्रीम कोर्ट ने पैनल के अनुरोध पर अब रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा 15 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. इस पर जताई गई आपत्तियों को लेकर शीर्ष अदालत का कहना था कि अगर मध्यस्थता करने वाले परिणाम को लेकर आशान्वित हैं और 15 अगस्त तक का समय चाहते हैं तो समय देना सही है.