कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जेडीए और कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार गिरने का संकट हैं. दूसरे तरफ बीजेपी ऑपरेशन कमल पार्ट-2 पर काम कर रही है.
कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन के 13 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के कार्यालय में जाकर इस्तीफा दे दिया है. दोनों ही पार्टियों के विधायकों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन ये माना जा रहा है कि इससे स्वामी सरकार पर संकट आ गया है. कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी का कहना है कि कुछ मुद्दों पर उनकी अनदेखी की गई है और इसके चलते ही उन्होंने इस्तीफा दिया है.
अभी ये भी नहीं कहा जा सकता है कि इस्तीफा का दौर थम जाएगा. क्योंकि अभी कुछ और विधायक भी ऐसा कदम उठा सकते हैं. कर्नाटक सरकार पर यह संकट ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका दौरे पर हैं. इसे देखते हुए कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कांग्रेस विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी है.
दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में बीते साल ही विधानसभा चुनाव हुए थे. इन चुनावों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था लेकिन बीजेपी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी. भाजपा को सबसे ज्यादा 102 सीटें मिली थीं और उसने सरकार भी बना ली थी. लेकिन मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा सदन में बहुमत साबित नहीं कर सके.
उधर, अलग-अलग चुनाव लड़े जेडीएस और कांग्रेस ने चुनाव के बाद हाथ मिला लिया था और बीजेपी की सरकार गिनर के बाद अपनी सरकार बनाई. लेकिन दोनों ही दलों ने मिलकर सरकार तो ढंग से चला नहीं पाया. शुरु से ही दोनों ही पार्टियों में खींचतान मची हुई है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अक्सर संकेत देते रहते हैं कि कांग्रेस उन्हें ठीक से काम नहीं करने देती.
क्या चल पाएगी गठबंधन की सरकार ?
कांग्रेस और जेडीएस में नाखुश विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. और कहा जा रहा है कि ये विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. इसलिए एक बार फिर से ऑपरेशन कमल के खबरें आने लगी हैं. अगर गठबंधन के नाखुश विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया तो सरकार का क्या होगा? वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी सक्रिय हो गए हैं.
बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के कम से कम 16 या 17 विधायक पार्टी से इस्तीफ़ा देकर बीजेपी में शामिल होना पड़ेगा.