लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता उनकी चौखट पर खड़े हैं. लेकिन क्या राहुल के इस्तीफा देने से कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो जाएगा. अभी कुछ दिनों पहले राहुल गांधी और कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी राहुल ने स्पष्ट कह दिया कि वो इस्तीफा दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री की बैठक में राहुल गांधी ने न तो अपना इस्तीफा वापस लिया और न ही उनके तेवरों में कोई तब्दीली देखी गई. इस बैठक में रहालु गांधी ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को जमकर लताड़ा और साफ कह दिया कि अगर अगर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनी होती और जमीनी हकीकत से रूबरू हुए होते तो ये नौबत न आती. आपको बता दें कि राहुल ने 25 मई लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था. और तब से उन्हें मनाने की कोशिशे चल रही हैं. राहुल गांधी हालांकि मान नहीं रहे हैं और वो कह रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अगर 52 सीटें मिली हैं तो उसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं की भी बराबर जिम्मेदारी है. इन चुनाव में वो अपनी परंपरागत अमेठी सीट भी हार गए.
राहुल गांधी को मनाने के लिए कांग्रेस के बाकी नेता भी इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन वो पदाधिकारी हैं. अभी तक किसी बड़े नेता ने हार के बार इस्तीफा नहीं दिया है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी चाहते थे कि पार्टी के दिग्गज नेता हार की ज़िम्मेदारी लें और संगठन के अपने पदों से इस्तीफ़ा दें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राहुल गांधी शायद ये भी सोच रहे हैं कि जो दिग्गज नेता हैं उनके समीकरण के हिसाब से ही पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनकी पसंद के उम्मीदवारों को टिकट दिया. लेकिन चुनाव में ये सब धराशाई हो गए. आलम ये है कि बुरी हार के बाद भी दिग्गज नेताओं की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा.
मुख्यमंत्रियों के बैठक में राहुल ने साफ साफ कहा कि टिकट बंटवारे में परिवारवाद और अहम की लड़ाई हावी रही. राहुल गांधी ने सभी मुख्यमंत्रियों को जमकर लताड़ा है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कांग्रेस फायदा नहीं उठा पाई. ऐसे में राहुल गांधी अब पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा ही सही समझ रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि राहुल गांधी अगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे तो क्या कांग्रेस की सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी. क्या कांग्रेस बीजेपी के भारी भरकम तंत्र से मुकाबला कर पाएगी ?
इस्तीफा देकर क्या करेंगे राहुल ?
ठीक-ठीक तो नहीं कहा जा सकता कि राहुल गांधी इस्तीफा देकर क्या करेंगे लेकिन एक बात तो तय है कि राहुल के रुख से साफ पता चल रहा है कि वो पार्टी के बड़े नेताओं को किनारे करना चाहते हैं. संगठन के दूसरी कतार के नेताओं को आगे लाना चाहते हैं और नई टीम के साथ आगामी चुनाव के लिए मैदान में उतरना चाहते हैं. वो अध्यक्ष इसलिए भी नहीं रहना चाहते क्योंकि वो आम आदमी से शायद सीधे जुड़ने की कोशिश में हैं. शायद उनको लग रहा है कि कांग्रेस जमीनी स्तर पर पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और अब बिना जमीन से जुड़े पार्टी को खड़ा नहीं किया जा सकता. राहुल कांग्रेस की कमान ऐसे शख्स को देने की सोच रहे हैं जो उनके हिसाब से काम कर सके.
वैसे अध्यक्ष पद की रेस में जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंधे, कैप्टन अमरिंदर सिंह, जैसे नाम शामिल हैं. अब ये बहुत जरूरी है कि क्या इतने से काम चलेगा क्योंकि अगर राहुल गांधी को कांग्रेस खड़ी करनी है तो बहुत पसीना बहाना पड़ेगा और बीजेपी के हमलों से बचने के साथ सरकार पर हमलावर रुख अपनाना पड़ेगा.