GST कलेक्शन में सरकार को कोई फायदा नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने सोमवार को GST से जुड़े हुए आकंड़े जारी किए थे. इन आंकड़े में पता चला है कि इसके कलेक्शन में कमी आई है.
वस्तु एवं सेवा कर यानी GST के कलेक्शन में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. 1 जुलाई को GST लागू हुए पूरे दो साल हो गए हैं और इस मौके पर इस कर प्रणाली से जुड़े आंकड़े जारी किए थे. इसके बाद जून में प्राप्त कम जीएसटी कलेक्शन का पता चला. टीओआई के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ है जब कलेक्शन में इतनी गिरावट आई है.. कई जानकार इसे कई क्षेत्रों की मांग में आई कमी का परिणाम बता रहे हैं. वहीं, कुछ जानकार इसके लिए टैक्स नहीं देने वाले लोगों को दोष दे रहे हैं.
केंद्र सरकार ने ये भी कहा है कि टेक्नोलॉजी की मदद से हजारों ऐसे व्यापारियों को पकड़ा गया है जो फर्जी तरीके से कंपनियां बनाकर नकली बिल, कर जमा और रिफंड दिखाते थे. केंद्र सरकार का ये भी माना है कि जीएसटी कलेक्शन में आई कमी के पीछे यही व्यापारी जिम्मेदारी हैं. वहीं, टिकाऊं वस्तुओं और कारों के साथ ग्राहकों से जुड़े उत्पादों की खरीद में भी कमी आई है. और ये भी GST कलेक्शन में आई कमी का प्रमुख कारण है.
कलेक्शन में आई कमी पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा है कि जून में आई गिरावट के बावजूद सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष में 6.1 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हासिल करने का लक्ष्य पूरा करेगी. सरकार ‘ईमानदार ट्रेडर्स से बैर नहीं, फेक इनवॉइस वालों की खैर नहीं.’ वाली रणनीति पर काम कर रही है. कलेक्शन बढ़ाने के लिए सरकार कुछ कदम उठाएगी और टैक्स देने में टाल-मटोल करने वालों, खास तौर पर फर्जी बिलों के जरिये झूठे दावे करने वालों को चेतावनी दी है.