वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नोटबंदी से जुड़ी संसद में एक अहम बात कही है. करप्शन को खत्म करने के लिए नोटबंदी की गई थी लेकिन वित्तमंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि नवंबर, 2016 के बाद से देश में नगदी का सर्कुलेशन बढ़ा है. उनके मुताबिक 4 नवंबर, 2016 को देश में 17,174 बिलियन रुपए की नगदी सर्कुलेशन में थी लेकिन 29 मार्च, 2019 को देश में 21,137 बिलियन रुपए की नगदी चलन में है.
वित्तमंत्री ने संसद में जो आंकड़े दिए हैं उससे साफ हो जाता है कि जिस मकसद के लिए नोटबंदी की गई थी उसका असर नहीं पड़ा है. लोग कैशलेस होने की दिशा में नहीं जा पाए और नकदी का चलन बढ़ गया है. मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसली की दुनिया में भर में चर्चा हुई थी. लेकिन अब जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक देश में नोटबंदी के बाद से भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है.
नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर, जिसे लोकसभा सचिवालय द्वारा संचालित किया जाता है, उसने इस बात की पुष्टि की है कि नोटबंदी के बाद नकदी बढ़ी और करप्शन भी बढ़ा है. बिहार से सांसद रामप्रीत मंडल ने संसद में इस बारे में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल किया था, जिसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने भी स्वीकार किया कि
‘नोटबंदी के बाद से देश में नगदी का सर्कुलेशन बढ़ा है।’ वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि ‘नगदी के सर्कुलेशन का संबंध गैरकानूनी गतिविधियों से है।’
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक नवंबर, 2016 के बाद से देश में नगदी का सर्कुलेशन बढ़ा है. 4 नवंबर, 2016 को देश में 17,174 बिलियन रुपए की नगदी सर्कुलेशन में थी. लेकिन 29 मार्च, 2019 को देश में 21,137 बिलियन रुपए की नगदी चलन में है.
8 नवंबर, 2016 को केन्द्र की मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी ये कहते हुए की थी कि इससे करप्शन खत्म होगा. सरकार ने नोटबंदी के तहत देश में 500 और 1000 रुपए के नोट बैन कर दिए गए थे. लेकिन इसस कप्शन खत्म नहीं हुआ है. ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट कहती है कि भ्रष्टाचार के मामले में दुनिया के 188 देशों में से भारत का स्थान 78वां है. इस रिपोर्ट में भारत को 14 अंक मिले हैं