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कर्जमाफी न होने से गिरफ्तार हो सकते हैं 170 किसान

क्या ‘मनरेगा’ को खत्म करने की तैयारी कर रही है मोदी सरकार ?

उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में 170 किसानों ने कर्जमाफी का वादा सुनकर लोन नहीं चुकाया था. अब इन किसानों की गिरफ्तारी की नौबत आ गई है. ये किसान लोन जमा करने के लिए अपनी जमीन बेच रहे हैं.

बुंदेलखंड में किसानों चुनाव के समय किए गए वादे पर यकीन किया. राजनीतिक दलों ने इनसे कर्जमाफी का वादा किया था. लेकिन अब सहकारी बैंक ऐसे किसानों की संपत्ति जब्त करने और नीलामी तक करने की तैयारी कर रहा है. चुनावी कर्जमाफी के झांसे में आकर इन किसानों ने वोट तो दे दिया लेकिन इन्हें ये नहीं पता था कि बैंक इन्हें नोटिस थमा देगा. कर्जमाफी का वादा बुंदेलखंड क्षेत्र के करीब 170 किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है. ये वो किसान हैं जिन्होंने सहकारी बैंकों से कर्ज लिया था और वापस नहं किया. ये वो किसान हैं जिनको उम्मीद थी कि उनका कर्ज माफ हो जाएगा.

सरकार ने दिए वसूली के आदेश

आपको बता दें कि योगी सरकार ने उत्तरप्रदेश सहकारी ग्रामीण बैंक की तरफ से बांटे गए कर्ज की वापसी के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद बैंकों ने कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरु कर दी है. कर्ज अदायगी के लिए योगी सरकार ने अधिकारियों की एक टीम भी बना दी है. ये टीम सहकारी बैंक के कर्ज को जमा करवाने का काम कर रही है. इसके लिए कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर्स किसानों की संपत्ति जब्त करने के साथ ही उनकी नीलामी भी की जाएगी. आपको बता दें कि अगर आपने सहकारी बैंक से कर्ज लिया है और जमा नहीं किया है तो आपकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

करीब 100 किसानों को करीब 7 करोड़ रुपये की रकम सहकारी बैंकों में जमा करनी है. और बाकी बचे 70 किसानों को 4 करोड़ रुपये चुकाने है. टेलीग्राफ की ख़बर के मुताबिक बुंदेलखंड के चित्रकूट संभाग में चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और महोबा जिले में करीब 2341 किसानों पर बकाया राशि 60.3 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. और इसकी अदायगी के प्रयास शुरु कर दिए गए हैं. वहीं कर्जमाफी न होने के चलते किसों को अपनी जमीन बेचनी पड़ रही है. चुंकि किसानों को ये उम्मीद थी कि कर्ज माफ हो जाएगा इसलिए इन्होंने कर्ज जमा नहीं किया और बकाया राशि 6 से 8 फीसदी तक बढ़ गई.

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