पाकिस्तान की माली हालत बहुत खराब है. पाकिस्तान के प्रधाममंत्री इमरान खान के पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं. विदेश कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान की हालत इतनी खराब हो गई है कि नौबत दिबालिया होेने की आ गई है. गंभीर आर्थिक मंदी से गुजर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है.
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट आ गया है. मंगलवार को विपक्षी दलों के हंगामे के बीच पाकिस्तान का बजट पेश किया गया. देश के हालात कितने खराब हैं आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बजट पेश होने के बाद आधी रात को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को संबोधित किया. इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा कि मुल्क मुश्किल में है और इस मुश्किल दौर से निकलने के लिए पूरी कौम को एक साथ आकर लड़ना होगा.
बढ़ गया है पाकिस्तान का कर्ज
इमरान खान ने कहा है कि देश का कर्ज 30 हजार अरब रुपये हो गया है. इसके लिए उन्होंने नवाज शरीफ और ज़रदारी सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि पिछली सरकारों की नीतियों की वजह से हमारे पास डॉलर की कमी हो गई है. इमरान खान ने कहा है कि हमारे पास इतने डॉलर नहीं बचे हैं कि हम अपने कर्जों की किस्त तक अदा कर पाएं. इमरान खान ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि उन्हें डर है कि पाकिस्तान कहीं डिफॉल्टर ना घोषित हो जाए. इमरान ने कहा है कि पिछले सरकारों को शायर डिफॉल्टर होने का मतलब नहीं पता था. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर होने का मतलब ये है बोरियों में रुपया भरकर ले जाएंगे तो एक रोटियां मिलेगी. इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान का हाल भी वेनेजुएला जेसा होने वाला है, इस दौरान इमरान खान ने यूएई, सऊदी अरब और चीन का शुक्रिया अदा किया और कहा ये दोस्त देश पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं.
खर्चों में की कटौती, करप्शन के लिए बनाया कमीशन
इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा है कि हम जिन लोगों ने देश को लूटा है उनपर नकेल कसने के लिए और करप्शन से लड़ने के लिए उनकी सरकार एक ताकतवर कमीशन बना रही है. उन्होंने ये भी कहा है कि हमारी सरकार ने खर्चों में कटौती की है. इस कटौती से 50 अरब रुपया बचेगा और कैबिनेट की 10 फीसदी वेतन को कम कर दिया गया है. इमरान खान ने कहा है कि हमें लोगों से ज्यादा टैक्स लेना होगा और उन्होंने 30 जून तक अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि जिनके पास भी बेनामी अकाउंट हैं उन्हें जब्त किया जाएगा. उन्होंने कहा है जिनके पास भी बेनामी अकाउंट हैं वो उन्हें 30 जून तक सार्वजनिक कर दें. इमरान खान ने अपने संबोधन में स्वीकार किया है कि मुल्क चलाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं.