भारत की चरमराई भी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए मोदी सरकार कवायद में जुटी है. अब ये कवयाद और दुरुह होने वाली है क्योंकि अमेरिका ने भारत को जोर का झटका दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को अपने बाज़ार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच बनाने का आश्वासन नहीं दिया है, इसलिए पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ये कथन इस माएने में खास है कि अमेरिका व्यापार में भारत को जो तरजीह देता था अब वो ऐसा नहीं करेगा. यानी जेनरेलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) व्यापार कार्यक्रम के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा अब खत्म कर दिया जाएगा. ट्रॅप का कहना है कि ये कदम उठाना इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान पहुंच बनाने का मौका नहीं दिया है.
क्या है जीएसपी ?
आपको बता दें कि जीएसपी अमेरिका का सबसे बड़ा और पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है. जिसका मकसद ये होगा कि वो विकासशील देशों को व्यापार में तरजीह देता है. इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को बिना प्रवेश शुल्क की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जाए. इस कार्यक्रम को खत्म करते हुए ट्रंप ने शुक्रवार को कहा,
‘मैंने तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच बनाने का आश्वासन नहीं दिया है, इसलिए पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है.’
अब आप ये समझ लीजिए कि जीएसपी खत्म होने से अमेरिकी उद्योगपतियों को सालाना 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा. वहीं भारत के उद्योगपतियों को अमेरिका में व्यापार करने से हजारों करोड़ का नुकसान होगा. ट्रंप के इस कदम के बाद भारत ने कहा है कि वो आपसी समझ से इस मसले को सुलझाएंगे. जीएसपी कार्यक्रम की शुरुआत 1976 में विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि के लिए की गई थी.