कौन राज्य के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा दबाया ?

चुनावी चर्चा खत्म हो गई है और अब चुनाव में जीत हार का आंकलन शुरु हो गया है. भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत के बाद जहां भाजपाई गदगद हैं वहीं विपक्ष खेमे को बुरी हार पचाने में अभी वक्त लगेगा. 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव नोट की भी बड़ी भूमिका रही हैं. चुनाव बाद आए आंकड़े कु मुताबिक बिहार के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल किया.
ईवीएम में नोटा का विकल्प इसलिए दिया गया था कि अगर आपको कोई प्रत्याशी पसंद नहीं है तो आप नोटा दबाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. नोटा के चक्कर में कई नेताओं को इस बार हार का स्वाद चखना पड़ा है. बिहार इस बार उन राज्यों में शामिल है जहां पर मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल किया गया है. देश में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने नोटा का बटन दबाकर अपने उम्मीदवारों को खारिज किया है. इस चुनाव में बिहार में कुल 8.17 लाख मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया है.
गोपालगंज में सबसे ज्यादा नोटा दबाया गया
ईसी की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान में करीब 2 प्रतिशत लोगों ने नोटा का चयन किया. यहां गोपालगंज ऐसी लोकसभा सीट रही जहां पर सबसे ज्यादा 51,660 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. इस लोकसभा सीट पर कुल 5.04 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया है, जो देश में सबसे ज्यादा है. इसी तरह बिहार के पश्चिम चंपारण में 4.51 प्रतिशत, नवादा 3.73 प्रतिशत और जहानाबाद संसदीय सीट पर 3.37 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया है.
बिहार के बाद सबसे ज्यादा नोटा दबाने के मामले में दमन और दीव आता है जहां पर 1.70 प्रतिशत लोगों ने नोटा दबाया. तीसरे और चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं जहां 1.49 और 1.44 प्रतिशत लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया है. आपको बता दें कि नोटा का विकल्प 2013 में मतदाताओं को दिया गया था. 16वीं लोकसभा के चुनाव में यानी 2014 में नोटा की शुरुआत हुई थी और तब करीब 60 लाख मतदाताओं ने नोटा दबाया था.