लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है और अब नतीजों का इंतजार है. शुरु में ये कहा जा रहा था कि इस बार मतदान कम होने का अनुमान है लेकिन जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा मतदान के प्रतिशत में भी बढ़ोत्तरी देखी है. 19 मई को चुनाव खत्म होने के बाद आए नतीजों में ये स्पष्ट हो गया कि इस बार रिकॉर्डतोड़ वोटिंग हुई है.
2019 में जितने मतदाताओं ने वोटिंग की उतनी देश में लोकसभा चुनाव के 67 साल के इतिहास में कभी वोटिंग नहीं हुई. 2019 में 67.11% मतदान हुआ और ये एक रिकॉर्ड है. 7 चरणों में संपन्न हुए मतदान में इस बार 91 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की है. 2014 में 66.40% वोटिंग हुई थी, जिसमें 83.4 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाता थे.
2009 में 56.9% हुआ था मतदान
543 में से 542 सीटों पर मतदान कराया गया है. तमिलनाडु की बेल्लोर लोकसभा सीट पर अत्यधिक धन मिलने के चलते चुनाव रद्द कर दिए थे. यहां कब चुनाव होगा इसके बारे में अभी तारीखों का एलान नहीं हुआ है. इससे पहले 2014 में 83.40 करोड़ मतदाताओं में से 66.40% ने वोटिंग की थी. 2009 में 56.9% मतदान हुआ था. इस आकंड़ों से देखें तो 2019 में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है.
एमपी में 2014 से ज्यादा मतदान
मध्यप्रदेश में कुछ महीनों पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं. और इसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. मध्यप्रदेश में भी इस बार वोटिंग के आंकड़े देखें तो जमकर यहां वोटिंग हुई है. मध्यप्रदेश में इस लोकसभा चुनाव में 2014 की तुलना में 5.92% ज्यादा मतदान हुआ. वहीं, हिमाचल में भी 5.1% ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई.
चंडीगढ़ में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में वोटिंग में 10.27% की कमी देखी गई. पंजाब में इस बार 5.64% कम वोट पड़े. तो कुल मिलाकर ये कहा जा रहा है कि मतदान में कमी नहीं आई है और लोग वोटिंग करने के लिए अपने घरों से बाहर निकले हैं.