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राजनीति दलों को जमकर मिला चंदा, 4 मई तक 5,029 करोड़ से ज्यादा के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए

इलेक्टोरल बॉन्ड1

आरटीआई से मिली जारी के मुताबिक देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 4 मई 2019 तक नौ चरण में 5,029 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 10,494 बॉन्ड जारी किए. एसबीआई ने ये भी बताया है कि प्रति बॉन्ड औसतन 48 लाख या उससे ज्यादा का था.

चुनाव में राजनीति दलों को मिलने वाले चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था की गई है. बॉन्ड भुनाने के लिए एसबीआई एकमात्र ऐसा वाणिज्यिक बैंक है, जिसे केंद्र ने चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत किया है. बॉन्ड को चंदे के रूप में राजनीति पार्टियों को दिया जाता है. बॉन्ड से जुड़ी हुई आरटीआई मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने डाली थी.

आरटीआई में ये भी पूछा गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड किसने खरीदे हैं. लेकिन एसबीआई ने इसकी जानकारी ये कहते हुए सार्वजनिक नहीं की कि ये ‘तीसरे पक्ष’ से जुड़ी जानकारी है. बैंक के मुताबिक आरटीआई अधिनियम की धारा आठ (1)(ई)(आई) के तहत उसे तीसरे पक्ष की जानकारी देने से छूट प्राप्त है. बैंक ने ये भी बताया है कि कुल 10,494 बॉन्ड में से 10,388 इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया जा चुका है.

भुनाए गए कुल इलेक्टोरल बॉन्ड की कीमत 5,011 करोड़ रुपये की है. आपको बता दें कि बॉन्ड को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं. कहा जा रहा है कि चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड ने राजनीतिक दलों और कॉरपोरेट के बीच अनैतिक सांठगांठ को कानूनी रूप दे दिया है. इसकी वजह से देश में उच्च स्तर का भ्रष्टाचार होगा. अगर बॉन्ड खरीदने वाले का नाम सार्वजनिक किया जाता है कि नुकसान थोड़ा कम हो सकता है.

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