PUBG गेम अब अर्धसैनिक बलों के लिए भी मुसीबत बन गया है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का मानना है कि PUBG गेम की लत जवानों की क्षमता प्रभावित हो रही है. इस संबंध में CRPF ने अपने कमांडिग ऑफिसर्स से जवानों के PUBG खेलने पर पाबंदी लगाने के लिए कहा है.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के अधिकारियों को ये चिंता है कि हिंसक मोबाइल गेम PUBG जवानों के लिए खतरनाक है. CRPF के आंतरिक सर्वे में ये बात स्पष्ट हुई है कि जवानों को PUBG की लत लगती जा रही है. इस संबंध में सीआरपीएफ ने अपने कमांडिंग अफसरों को निर्देश दिया है कि वह जवानों के PUBG गेम खेलने पर पाबंदी लगाएं.
अद्धसैनिक बल के दिल्ली मुख्यालय में तैनात सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस ‘लत’ से जवानों को ऑपरेशनल क्षमता ‘प्रभावित’ हो रही है. अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ के मुताबिक जवानों इस मोबाइल गेम के चलते अपने साथी जवानों से मेल मिलाप कम कर दिया है. जवान फिजिकल ट्रेनिंग कम कर रहे हैं और उनकी नींद पर भी असर पड़ा है.
PUBG के लिए CRPF ने जारी किया सर्कुलर
हिंसक गेम PUBG को प्लेयर अनॉन बैटलग्राउंड कहते हैं. ये गेम इन दिनों एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है. इस गेम की लत से ना सिर्फ बच्चे और युवा बल्कि जवान भी प्रभावित हो रहे हैं. बिहार की सीआरपीएफ यूनिट ने एक सर्कुलर जारी करके कहा है कि इस गेम पर पाबंदी लगाई जाए. 6 मई को जारी इस सर्कुलर के अनुसार यह देखने में आया था कि सीआरपीएफ के युवा जवान इस हिंसक गेम PUBG एप के आदी हो गए हैं.
बिहार में यूनिट के जवानों के मोबाइल से ये एप डिलीट कराने के लिए कहा गया है . इसमें सभी डीआईजी को उनके तहत आने वाले सभी यूनिट/कंपनियों के जवानों को इस तरह के एप को डिलीट करना सुनिश्चित कराने को कहा गया है. इसके अलावा फोन का औचक निरीक्षण करने के बारे में भी कहा गया है. इस सर्कुलर को सभी सीआरपीएफ फोर्मेशंस और बल के एंटी इनसरजेंसी कोबरा यूनिट को भेजा गया है.