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दिल्ली : त्रिकोणीय मुकाबले में कौन कितना मजबूत है?

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दिल्ली में हुए 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जब बीजेपी के विजय रथ को रोका और 70 में से 67 सीटें हासिल की थी. क्या आप 2019में वो कामयाबी दोहराएगी इसपर संशय है. सवाल यहां ये भी है कि क्या बीजेपी सात में सात सीटें जीत पाएगी और कांग्रेस अपनी साख बचाने में कामयाब होगी.

2015 के विधानसभा चुनावों में भले ही आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया हो लेकिन 2014 में हुए आम चुनावों में दिल्ली की सभी 7 लोकसभा  सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. कांग्रेस इन दोनों ही चुनावों में बुरी तरह हारी थी. ऐसे में  12 मई को दिल्ली में होने वाला मतदान यहां तीनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण है. बीते कई महीनों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन की तमाम कोशिशें कर रहे थे लेकिन गठबंधन हो नहीं पाया. कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मैदान में उतारा है. और प्रियंका गांधी ने यहां प्रचार किया है. क्या ये सब कांग्रेस को जिंदा करेगा. वहीं बात आप की करें तो आप की राजनीति भी बदल चुकी है और पार्टी बिखरी हुई नजर आती है. बीजेपी के सामने भी सभी सीटें बचाना चुनौती है क्योंकि यहां पर कई नए चेहरे मैदान में हैं.

इस बार है त्रिकोणीय मुकाबला

दिल्ली की राजनीति को करीब से समझने वाले कहते हैं कि दिल्ली में ‘कांग्रेस-आप का गठबंधन बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकता था. लेकिन ऐसा नहीं होने से बीजेपी को बड़ा फायदा होने जा रहा है. बीजेपी विरोधी वोटों के बंट जाने से उसके उम्मीदवारों की जीत की संभावनाएं बढ़ गई हैं. 2014  में मोदी लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी को देश की राजधानी दिल्ली में 46.6 फीसदी वोट मिले थे. जबकि आप ने 33.1 और कांग्रेस ने 15.2 पर्सेंट वोट हासिल किए थे. इसबार की तरह पिछले चुनावों में भी सभी दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे. अब त्रिकोणीय मुकाबले में निश्चित तौर पर आप और कांग्रेस दोनों के लिए डगर कठिन हो गई है.

मिडिल क्लास और मुस्लिमों पर है नजर

दोनों पार्टियां मुस्लिमों, अनाधिकृत कॉलोनियों-झुग्गियों में रहने वाले गरीबों और मिडल क्लास के एक छोटे वर्ग के बीच अपनी पकड़ रखती हैं. गठबंधन हो जाने के स्थिति में ये सभी वर्ग एक होकर वोट करते लेकिन अब ये वोट बंटेगा. इसी वोट समीकरण के चलते 2015 में ‘आप’ ने 54 फीसदी मतों के साथ 67 सीटों पर कब्जा जमाया था. जबकि बीजेपी को 32 फीसदी और कांग्रेस को 10 पर्सेंट वोट मिले थे. 2013 में 29.5 पर्सेंट वोट हासिल करने वाली ‘आप’ के लिए ये बड़ी कामयाबी थी.बीजेपी का वोट शेयर तब भी 33 पर्सेंट था. जबकि कांग्रेस को 24.6 पर्सेंट वोट मिले था.

चलिए अब नजर डालते हैं..कि दिल्ली की त्रिकोणीय लड़ाई में तीनों दलों के कौन-कौन से नेता मैदान में ताल ठोंक रहे हैं..

पूर्वी दिल्ली

पूर्वी दिल्ली से बीजेपी ने गौतम गंभीर को मैदान में उतारा है. पिछली बार इस सीट से महेश गिरी ने आप के उम्मदीवार राजमोहन गांधी को हराया था. कांग्रेस ने इसबार यहां से अपने दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली पर दांव लगाया है. जबकि आप ने पूर्वी दिल्ली से आतिशी को उम्मीदवार बनाया है..माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला होगा।


पश्चिम दिल्ली

उधर पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी ने सीटिंग एमपी प्रवेश वर्मा पर फिर से भरोसा जताया है. प्रवेश वर्मा राज्य के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. कांग्रेस ने यहां से अपने दिग्गज नेता महाबल मिश्रा को खड़ा किया है. 2014 के चुनाव में महाबल मिश्रा इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे. प्रवेश वर्मा ने आप के जरनैल सिंह को ढाई लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था. आप ने इसबार यहां से बलबीर सिंह जाखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है.


नई दिल्ली 

नई दिल्ली सीट काफी प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है. बीजेपी ने इस सीट से मीनाक्षी लेखी को उम्मीदवार बनाया है. मीनाक्षी लेखी नई दिल्ली से सिटिंग एमपी हैं. पिछली बार उन्होंने आप के उम्मीदवार आशीष खेतान को 1.5 लाख से भी ज्यादा के अंतर से हराया था. वहीं कांग्रेस के अजय माकन तीसरे नंबर पर रहे थे..कांग्रेस ने इसबार भी नई दिल्ली की सीट से अजय माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है. आप ने ब्रजेश गोयल पर दांव लगाया है

उत्तर पश्चिम दिल्ली 

उधर उत्तर पश्चिम सीट से उदित राज का टिकट काटकर हंसराज हंस को उम्मीदवार बनाया है. पिछली बार बीजेपी के उदित राज ने यहां से आप की राखी बिड़ला को एक लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी. कांग्रेस की कृष्णा तीरथ तीसरे नंबर रही थीं. इसबार कांग्रेस ने इस सीट से राजेश लिलोठिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं आप ने गुग्गन सिंह को टिकट दिया है.



उत्तर पूर्व दिल्ली 

उत्तर पूर्व दिल्ली पर इसबार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और आप से दिलीप पांडेय मैदान में हैं 2014 के चुनाव में मनोज तिवारी ने आप उम्मीदवार आनंद कुमार को अच्छे मारजिन से हराया था.

चांदनी चौक 

चांदनी चौक से बीजेपी ने अपने सीटिंग एमपी डॉ. हर्षवर्धन को ही उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश अग्रवाल और आप ने पंकज गुप्ता को टिकट दिया है. 2014 के चुनावों में नई दिल्ली सीट से हर्षवर्धन ने आप के आशुतोष को हराया था..कांग्रेस के दिग्गज  नेता कपिल सिब्बल यहां तीसरे नंबर पर रहे थे. 

दक्षिण दिल्ली

इस सीट पर बीजेपी ने अपने धाकड़ नेता रमेश विधूड़ी को फिर से मैदान में उतारा है. आप ने यहां से राघव चड्ढा को प्रत्याशी बनाया है. 2014 में बीजेपी के विधूड़ी ने आप के देवेंद्र सहरावत को एक लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार रमेश कुमार यहां तीसरे नंबर रहे थे.

12 मई को दिल्ली की इन सभी सीटों पर वोटिंग होगी. बीजेपी के लिए 2014 की परफॉर्रमेंस दोहरा पाना मुश्किल जरूर है. लेकिन आप और कांग्रेस का गठबंधन नहीं होने की वजह से नामुमकिन भी नहीं है.

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