जापान को अपना नया सम्राट मिल गया है. 126वें सम्राट के तौर पर नारोहितो ने राजसिंहासन संभाल लिया है. सम्राट अकिहितो ने ‘क्राइसैंथिमम थ्रोन’ (राजगद्दी) अपने बेटे नारोहितो को सौंप दी. सम्राट नारोहितो ने राजसिंहासन पर बैठने के साथ ही अपने पहले संबोधन में खुशहाली और विश्व शांति की उम्मीद जताई.
जापान के राजसिंहासन को संभालने के लिए जो परंपरा निभाई जाती है उसका निर्वहन करते नारोहितो ने राजसिंहासन संभाला है. इंपीरियल पैलेस में आयोजित पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच नारोहितो की ताजपोशी हुई और उन्हें जापान के शाही खजाने की चाबी सौंपी गई. जापान में जब कोई राजा अपनी गद्दी छोड़ते हैं तो एक युग का अंत हो जाता है और नए राजा के बनने के साथ ही एक नया युग शुरू होता है.
जापान में नए युग की शुरुआत होने की हाल ही में घोषणा की गई थी. नारोहिता के राजसिंहासन पर बैठने के साथ ही यह देश अब एक नए युग में प्रवेश कर गया है. इस नए युग का नाम रेइवा है जो नारोहितो के शासनकाल तक चलेगा. जापान में राजा के पास कोई राजनीतिक शक्ति नहीं होती है लेकिन वो एक राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर देखे जाते हैं.