क्या भारत अमेरिका के साथ दोस्ती की बड़ी कीमत चुकाएगा ? ये सवाल इस खड़ा हो गया है क्योंकि अमेरिका ने बीते साल दुनियाभर के देशों पर नवंबर में ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था और इसके लिए विभिन्न देशों को 6 महीने का समय दिया था. अब इसका समय 1 मई को खत्म हो रहा है.
अब सवाल ये है कि क्या 1 मई को भारत के सामने तेल का संकट खड़ा हो सकता है. क्या मसूद अजहर को अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के लिए अमेरिका ने भारत से जो कीमत मांगी है वो भारत के मुश्किलें खड़ी करेगा. हालांकि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका इस मामले में भारत के साथ है और चीन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. द इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से खबर आयी है कि अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन मसूद अजहर पर भारत की मदद के बदले खुद भी एक अन्य मामले में मदद चाहता है. अमेरिका, भारत द्वारा ईरान से किए जाने वाले तेल आयात पर पाबंदी चाहता है.
अमेरिका ने बीते साल दुनियाभर के देशों पर नवंबर में ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका ने इसके लिए विभिन्न देशों को 6 माह का समय दिया था. जिसकी अवधि आगामी 1 मई को खत्म हो रही है. भारत भी ईरान से बड़ी मात्रा में तेल का आयात करता है. यही वजह है कि अमेरिका ने भारत को भी ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. भारत ने साल 2018-19 में ईरान से 24 मिलियन टन तेल आयात किया.
अब अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद भारत को किसी अन्य तेल आपूर्तिकर्ता देश से इसकी भरपाई करनी होगी. सऊदी अरब और यूएई भारत को इस तेल की भरपाई करने के लिए तैयार भी हैं.