चुनाव में अक्सर ये बात होती है कि उम्मीदवार की छवि दागदार नहीं होनी चाहिए. राजनीति में सुचिना और स्वच्छता लाने की बात तो पीएम मोदी भी कई बार कर चुके हैं. 2014 में तो वो लगातार इस बात का जिक्र करते थे कि आपराधिक छवि वालो सांसदों को एक एक करके संसद से बाहर करेंगे. लेकिन इस बार तो बीजेपी ने भर भर के ऐसे लोगों को टिकट दिया है जो दागी हैं लेकिन जिताऊ हैं.
आप कल्पना कर सकते हैं कि एक शख्स के ऊपर इतने आपराधिका मामले हैं कि अखबार के चार पन्ने भर जाते हैं. और उसे लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया गया हो. बीजेपी ने एक ऐसे ही उम्मीदवार को टिकट दिया है. इस उम्मीदवार पर 242 केस हैं. भाजपा उम्मीदवार ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड को अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘जन्मभूमि’ पर छपवाया तो अखबार के चार पेज भर गए. केरल के पथानामथिट्टा लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के. सुरेंद्रन पर 242 क्रिमिनल केस चल रहे हैं.
उम्मीदवार को देनी होती है केस की जानकारी
अब ऐसे समय में जब चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को अखबार और टीवी पर विज्ञापन देकर अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देना अनिवार्य है तब इस बीजेपी उम्मीदवार ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड को अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘जन्मभूमि’ पर छपवाया. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रिकॉर्ड को छापने में अखबार के चार पेज भर गए. वहीं पार्टी के टीवी चैनल ‘जन्म टीवी’ पर उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देने के लिए 60 सेकेंड की लंबी वीडियो फुटेज बनानी बड़ी.
के. सुरेंद्रन के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी जाती तो उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती थी क्योंकि अगर किसी और अखबार में इसे छापा जाता तो इसका खर्च 60 लाख तक होता और वहीं टीवी पर इसकी जानकारी देने पर तो और ज्यादा खर्च होता जो कि चुनाव आयोग द्वारा हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की निश्चित सीमा को पार कर देता.