लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी बढ़त बनाने के लिए जद्दोजहद में लगे हैं. चुनाव प्रचार में जमकर पैसा फूंका जा रहा है. चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी ड्यूटी के लिए 150 पायलटों को रोज 3.70 करोड़ रु. का किराया चुका रहीं हैं. इतना ही नहीं एविएशन कंपनियां विदेशों से हेलिकॉप्टर और जेट 3 से 6 महीने की लीज पर लेकर आ रहीं हैं.
आप पहले आंकड़ों पर गौर करिए, रोजाना 50 हेलिकॉप्टर, 25 जेट प्लेन नेताओं के लिए लगे हैं. जिनपर सवार होकर नेता फुर्र से यहां फुर्र से वहां रैलियों करने के लिए पहुंच रहे हैं. इन उड़ानों पर नेता रोज 3.70 करोड़ रुपए फूंक रहे हैं. 3 करोड़ 70 लाख रुपये में से 1 करोड़ 25 लाख का खर्चा सिर्फ फ्यूल के लिए किया जा रहा है. प्रचार पर सबसे ज्यादा पैसा नेशनल पार्टियां खर्च कर रही है.
राष्ट्रीय पार्टियों ने कई विदेशी एविशन कंपनियों के हेलीकॉप्टर 3 से 6 महीनों के लिए लीज पर लिए हैं. हवाई यात्रा के इस कारोबार में कुछ जनरल एविएशन कंपनियां सिर्फ एक-एक पार्टी को और ऑन कॉल भी दे रही हैं. मौजूदा वक्त में हेलीकॉप्टर की डिमांड करीब 10 फीसदी तक बढ़ गई है.
तीन महीने पहले हो गई थी बुकिंग
राजनीतिक दलों के बड़े नेता एक जगह से दूसरी जगहों पर पहुंचने के लिए जो हेलिकॉप्टर इस्तेमाल कर हैं उनकी बुकिंग तीन महीने पहले ही करा ली गई थी. जो कंपनियों एविएशन का कारोबार करती हैं वो दो तरह से किराया लेती हैं. पहले में पार्टियां एडवांस बुकिंग कर शेड्यूल भेज देती हैं, इस शेड्यूल में समय तय नहीं होता लेकिन ये तय होता है कि 45 दिन तक रोजाना 2 से 3 घंटे की उड़ान भरनी है. दूसरा तरीका ये होता है कि जरूरत पड़ने पर जनरल एविएशन कंपनी से किराए पर हेलिकॉप्टर-जेट एयरक्राफ्ट लिए जाते हैं
रिजर्व में पायलट रखती है कंपनियां
देशभर में 51 चार्टर्ड कंपनियां रजिस्टर्ड हैं और पिछले कुछ सालों से 3 से 4 चार्टर्ड ब्रोकर भी यह काम कर रहे हैं.लेकिन देश की कंपनियां नेताओं को जब उड़ाने मुहैया नहीं करा पाती तो विदेशी कंपनियों से भी मदद ली जाती है. देशभर में करीब 275 सिविलियन हेलिकॉप्टर और जेट एयरक्रॉफ्ट रजिस्टर्ड हैं. इनमें कमर्शियल इस्तेमाल के हेलिकॉप्टर-जेट केवल 75 निजी कंपनियों के पास हैं. करीब 50 हेलिकॉप्टर सिंगल- डबल इंजन वाले 2 से लेकर 10 सीटर हैं और करीब 25 जेट एयरक्रॉफ्ट 5 से 12 सीटर हैं. चुनाव के दौरान कंपनियों ने अतिरिक्त पायलट भी रखे हैं और 125 पायलट आपात स्थिति में मुहैया कराए जाते हैं.