भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया है. साध्वी के इस बयान को लेकर कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों ने बीजेपी को घेरा है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे और आतंकवादियों के हाथों शहीद हुए हेमंत करकरे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए विवादित बयान दिया था.
मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे और मुंबई ब्लास्ट में शहीद हुए हेमंत करकरे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उसी की वजह से वह ‘आतंकवादियों का शिकार बने. मालेगांव बम विस्फोट के आरोप में गिरफ्तारी और उन पर हुई कार्रवाई के बारे में प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार को कोलार क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से बात की. उन्होंने कहा,
‘उन दिनों वह मुंबई जेल में थीं.’ जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते. तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘इसे भगवान जाने.’ इसके बाद करकरे ने कहा, ‘तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा. उस समय मैंने करकरे से कहा था, ‘तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था.’ हिंदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है. जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ.’
ये बयान बीजेपी के लिए गले की फांस बन गया है. क्योंकि करकरे की बहादुरी 26 नवंबर 2008 को पूरे देश ने देखी थी. जब मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था. उस वक्त आतंकियों से लोहा लेते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे. साध्वी के बयान को लेकर चुनाव आयोग ने कार्रवाई शुरु कर दी है. साध्वी के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरु कर दिया है.
कांग्रेस क हमले के बाद बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, पार्टी भारत के हर बेटे और बेटी का सम्मान करती है, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दिया है. प्रज्ञा जी ने जो कहा है, वह जाहिर तौर पर शायद उनकी बात होगी क्योंकि वह खुद एक जांच के दायरे में हैं. हम करकरे जी के बलिदान को सलाम करते हैं और इस मसले पर राजनीति नहीं करेंगे.
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा, चुनाव आयोग ने शहीदों और आर्मी पर टिप्पणी करने से मना किया है. उन्होंने कहा, ‘हेमंत करकरे एक ईमानदार अधिकारी थे उन्होंने मुंबई हमले में देश के लिए बलिदान दिया था.’
सिर्फ राजनीतिक दलों ने नहीं बल्कि आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट करते हुए कहा कि अशोक चक्र सम्मानित श्री हेमंत करकरे, आईपीएस ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. हम लोग इस अपमानजनक बयान की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए.
बीजेपी ने हिन्दू आतंकवाद की काट के तौर पर साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिया है लेकिन प्रज्ञा का बयान बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है क्योंकि करकरे का परिवार भी प्रज्ञा के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया है. बीजेपी ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है.