लोकसभा चुनाव में इन दिनों अली और बजरंगबली को लेकर खूब भाषण दिए जा रहे हैं. योगी ने अली और बजरंग बली का मुद्दा उठाया तो मायावती ने कहा बजरंग बली और अली के गठजोड़ से अच्छा रिजल्ट मिलेगा, योगी कहा था- अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें बजरंग बली पर है. अब इसमें आजम खान भी कूद गए हैं. सपा नेता और रामपुर के प्रत्याशी आजम खान ने नया नारा दिया है,
‘बजरंग अली, तोड़ दो दुश्मन की नली और बीजेपी की ले लो बलि।’
आजम ने शनिवार को एक रैली में कहा,
”एक साहब बुक्कल नवाब ने कहा कि वो (हनुमानजी) मुसलमान थे, फिर तो बजरंगजी बजरंगजी कहां रहे? अली और बजरंग मिलाकर मैंने नया बनाया।”
आजम के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया-
‘’आजम खान, बेगूसराय का चुनाव खत्म होने के बाद रामपुर आकर बताएंगे कि बजरंग बली क्या हैं?”
हनुमान जी कौन थे इसको लेकर राजनीतिक दलों में जमकर बहस हो रही है. आजम ने कहा कि योगीजी ने कहा कि हनुमानजी दलित थे और फिर उनके किसी साथी ने कहा कि हनुमानजी ठाकुर थे. फिर पता चला कि वह ठाकुर नहीं जाट थे. फिर किसी ने कहा कि वह श्रीलंका के थे. अली और बजरंग एक हैं. मैं इसके लिए एक नाम देता हूं बजरंग अली.