राहुल गांधी ने अमेठी से पर्चा दाखिल कर दिया है. राहुल अमेठी से चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है. यहां गांधी परिवार को हराना लोहे के चने चबाने जैसा तो है लेकिन नामुमकिन हो ऐसा भी नहीं है. इस बार अमेठी में मुकाबला दिलचस्प है.
क्या-क्या हो रहा है पहली बार
राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहले अमेठी में पर्दा दाखिल कर रहे हैं, पहली बार राहुल गांधी अमेठी के अलावा भी किसी दूसरी सीट से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, पहली बार राहुल अपनी बहर प्रियंका की राजनीति में सक्रिय एंट्री के बाद चुनाव लड़ रहे हैं. पहली बार राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की कम होती सक्रियता में चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले 2004 से 2014 तक जब भी वो मैदान में उतरे सोनिया गांधी पूरी तरह सियासत में सक्रिय थीं.
2004 में पहली बार राहुल बने सांसद
राहुल 2004 में पहली बार अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़े थे. तब उन्होंने बसपा के चंद्र प्रकाश मिश्रा को करीब तीन लाख वोटों से हराया था. 2009 में राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट से करीब साढ़े तीन लाख वोटों से जीते. 2014 में राहुल तीसरी बार इस सीट से सांसद चुने गए. तब उनका मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी से था. 2014 में राहुल सिर्फ एक लाख सात हजार वोटों से जीते थे.
अमेठी में 2 बार हारी है कांग्रेस
ऐसे नहीं है कि कांग्रेस अमेठी में कभी हारी नहीं. भले ही अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही हो लेकिन 16 लोकसभा चुनाव और दो उप चुनाव में कांग्रेस 16 बार जीती और 1977 में यहां भारतीय लोकदल और 1998 में भाजपा ने चुनाव जीती यानी यहां कांग्रेस 2 बार हारी है. अमेठी में गांधी परिवार पहली बार 1980 में आया था.