रफाल मामले में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से जोरदार झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने रफाल मामले में सरकारी की शुरुआती आपत्तियों को खारिज कर दिया है.
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कोर्ट अपने पहले सुनाए गए फैसले को बनाए रखे और पुनर्विचार याचिका खारिज कर दे. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की ये बात मानने से इंकार कर दिया है. और सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया.
रफाल मामले में चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाले बेंच सुनवाई कर रही है. इस बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ़ भी शामिल हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने रफाल सौदे की जांच करने की अपील को पहले खारिज कर दिया था.
जब सरकार ने कहा कि चोरी हो गए दस्तावेज
रफाल सौदे में हुए करप्शन की जांच के लिए अरुण शौरी और प्रशांत भूषण समेत कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी.याचिकाकर्ताओं ने अदालत के सामने कुछ नए दस्तावेज़ पेश किए थे. इस दस्तावेजों को लेकर केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि ‘अदालत में पेश किए दस्तावेज़ चोरी के हैं, इसलिए अदालत को उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. ये दस्तावेज़ प्रीविलेज्ड यानी गोपनीय हैं और इन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है.’
बुधवार को रफाल मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की दोनों दलीलों में दम नहीं है. और ये दोनों दलीलें खारिज की जाती हैं. पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों में से शामिल अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर कहा,
“तीन जजों ने एकमत से यह फ़ैसला दिया है. उन्होंने सरकार की उस दलील को ख़ारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया है कि इन दस्तावेज़ों को माना नहीं जा सकता है क्योंकि ये चोरी के दस्तावेज हैं.”
अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख़ तय करेगा और इसकी सुनवाई मेरिट के आधार पर की जाएगी. कांग्रेस ने इस फैसले को बड़ी कामयाबी बताते हैं एतिहासिक बताया है.
ऐसे वक्त में जब 11 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होने वाला है. तब सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला केंद्र सरकार के लिए एक झटके की तरह है.