कांग्रेस ने बेरोजगारी को अपने घोषणा पत्र में अहम मुद्दा बनाया है. राहुल गांधी ने वादा किया है कि वो अगर सत्ता में आते हैं तो 31 मार्च 2020 तक 22 लाख सरकारी नौकरियां देंगे. लेकिन क्या वो ये वादा निभा पाएंगे ये सवाल खड़ा हो गया है.
राहुल गांधी बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बना रही है. राहुल गांधी ने ट्वीट करके मोदी सरकार को घेरा है और सवाल उठाया है कि मोदी सरकार ने 2 करोड़ रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया. लेकिन वो जो वादा कर रहे हैं उसे निभाएंगे. उन्होंने ट्वीट करके एक वादा किया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करके एलान किया है कि वो 22 लाख सरकारी नौकरियां देंगे. लेकिन जितने खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का एलान वो कर रहे हैं उतने पद तो खाली हैं ही नहीं. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बताया है कि वो करीब 4 लाख नौकरियां पहली अप्रैल 2020 तक देंगे.
अब सवाल ये है कि अगर नौकरियां 4 लाख हैं तो फिर राहुल गांधी ने 22 लाख का आंकड़ा कहां से दिया, दरअसल राहुल गांधी ने जो 22 लाक नौकरियों का एलान किया है उसमें वो राज्य सरकार की नौकिरियों को भी गिन रहे हैं.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बताया है कि वो स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आवंटन बढ़ाकर इन दोनों सैक्टरों में खाली पदों को भरेंगे. राहुल गांधी के मुताबिक को राज्यों में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में 20 लाख नौकरियां पैदा करेंगे.
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बताया है कि वो राज्य सरकारों से अनुरोध करके राज्यों में सेवा मित्र का पद सृजित कराएंगे और पूरे देश में करीब 10 लाख सेवा मित्रों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन प्रश्न ये है कि क्या राहुल गांधी राज्यों को इसके लिए राजी कर पाएंगे.
देश में अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक के अलावा पुड्डुचेरी में ही राहुल गांधी की पार्टी की सरकार है. पश्चिम बंगाल, आंध्र, त्रिपुरा जैसे राज्यों को छोड़कर हर जगह बीजेपी की सरकार है तो क्या बीजेपी शासित राज्य उनकी बात मानेंगे. ये अहम प्रश्न है.