तुर्की में इस अर्दोआन की सत्ता है. अर्दोआन तुर्की के मजबूत नेता है और उन्होंने अपने शासन में देश को एक सपना दिखाया था. वो सपना जिससे लोगों ने खुद को जोड़ लिया. लेकिन अब वही सपना अर्दोआन की सत्ता के लिए खतरा बन सकता है.
बीते करीब 16 सालों से तुर्की की सत्ता संभाल रहे रेचेप तैय्यप अर्दोआन के लिए ये आर्थिक संकट सबसे बड़ा खतरा बन गया है. तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के फिकिरतेपे नाम के जिसे को भव्य बनाने का सपना अर्दोआन ने दिखाया था. 2010 में लोगों ने फिकिरतेपे को हाईटेक करने का सपना दिखाया गया था इस इलाके में करीब 15 हज़ार लोगों के घरों को बर्बाद कर दिया गया और करोड़ों की पूंजी लोगों ने यहां लगा दी. लेकिन आर्थिक संकत की वजह से अर्दोआन के लिए फिकिरतेपे संकट बन गया है.
अर्दोआन हार सकते हैं
तुर्की में स्थानीय चुनाव होने हैं और उससे पहले पूरी संभावना बन गरही है कि अर्दोआन की सत्तारूढ़ एके पार्टी राजधानी अंकारा और इंस्ताबुल में हार सकती है. इस हार की वजह वो सपना है जो लोगों को दिखाया गया था. कहा जा रहा है कि बीते 16 सालों में अर्दोआन ने तुर्की के विकास में निर्माण कार्य को इंजन के तौर पर इस्तेमाल किया है. उनके मेगा प्रोजेक्ट जिसमें एयरपोर्ट, पुल और सुरंग सब शामिल हैं, ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की तस्वीर बदल दी है. लेकिन अब यही उनकी समस्या बन गया है.
आर्थिक मंदी से जूझ रहा देश
बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि राष्ट्रपति के नजदीकी और कंस्ट्रक्शन के कारोबारियों को इसका फायदा हुआ. करप्शन की वजह से देश में महंगाई आसमान पर पहुंच गई. तुर्की की मुद्रा लीरा का मूल्य करीब एक तिहाई कम हो चुका है. देश पर विदेश कर्ज बढ़ गया है और अर्दोआन देश के हालात संभालने में नाकाम रहे हैं. फिकिरतेपे प्रोजेक्ट का काम बंद हो गया है और इसके पीछे अर्दोआन की नीतियों को जिम्मेदार माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि देश में आर्थिक मंदी अर्दोआन की सत्ता के लिए खतरा बन गई है.