भारत ने अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. भारत सफलता पूर्वक मिशन शक्ति पूरा किया है. जब चीन ने इस तरह के मिसाइल का परीक्षण किया था, तब दुनिया के देशों ने इसकी आलोचना की थी. लेकिन भारत के इस परीक्षण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. पीएम मोदी ने इस अंतरिक्ष में भारत की बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि भारत अंतरिक्ष में महाशक्ति बन गया है.
अंतरिक्ष में महाशक्ति बन गया है भारत ?
इस मिशन का फायदा ये होगा कि जब कोई दुश्मन देश का सैटेलाइट हम पर नज़र रखेगा तो हम उसे ध्वस्त कर सकते हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि हमारी ताक़त अंतरिक्ष में बढ़ी है. जब किसी देश से भारत का युद्ध होगा तब इसकी जरूरत पड़ेगी. मौजूका वक्त में पाकिस्तान के पास इस ऑर्बिट में कोई सैटेलाइट नहीं है.
अर्थ ऑर्बिट के बारे में जानिए
वैज्ञानिक हर मिशन के लिए अलग-अलग अर्थ ऑर्बिट का इस्तेमाल करते हैं. जिस सैटेलाइट को एक दिन में पृथ्वी के चार चक्कर लगाने होते हैं, उसे पृथ्वी के नज़दीक वाले ऑर्बिट में लॉन्च किया जाता है. अर्थ ऑर्बिट दो तरह के होते हैं एक सर्कुलर ऑर्बिट, और दूसरा इलिप्टिकल ऑर्बिट.
सर्कुलर ऑर्बिट तीन भाग में बांटे जा सकते हैं लोअर अर्थ ऑर्बिट, मीडियम अर्थ ऑर्बिट और जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट.लोअर अर्थ ऑर्बिट का दायरा 160 किलोमीटर से दो हज़ार किलोमीटर तक होता है. इसमें लॉन्च की गई सैटेलाइट दिन में पृथ्वी का क़रीब तीन से चार चक्कर लगा लेती है.
मीडियम अर्थ ऑर्बिट का दायरा दो हज़ार किलोमीटर से 36 हज़ार किलोमीटर तक का होता है. इसमें लॉन्च किया गया सैटेलाइट दिन में पृथ्वी के दो चक्कर लगाता है.