मोदी सरकार GDP के आंकड़ों को लेकर अपनी पीठ ठोंक रही है. और कह रही है कि 7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर बताती है कि अर्थव्यवस्था कैसे दौड़ रही है. लेकिन पूर्व RBI गर्वनर रघुराम राजन ने सवाल उठाए हैं.
सितंबर, 2013 से सितंबर, 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे रघुराम राजन ने एक बड़ी बात कही है. रघुराम राजन ने मंगलवार को भारत की सात फीसदी GDP आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस संदेह को दूर करने के लिए एक निष्पक्ष समूह की नियुक्ति की जाए जो ये बताए कि GDP के आंकड़ों में झोल तो नहीं है. उन्होंने कहा,
मैं नरेंद्र मोदी सरकार में एक मंत्री को जानता हूं जिन्होंने कहा था कि नौकरियां नहीं हैं तो हम कैसे सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर रहे हैं. जब देश में नौकरियों का सृजन नहीं हो रहा है तब ऐसे में सात प्रतिशत की वृद्धि दर का आंकड़ा संदेह के घेरे में आ जाता है। संदेह के इन बादलों को दूर किया जाना चाहिए. चीजों को साफ करने की जरूरत है और इसके लिए एक निष्पक्ष समूह गठित किया जाना चाहिए।
GDP के आंकड़ों की जांच हो
आपको बता दें कि पिछले महीने सरकार ने 2017-18 की वृद्धि दर के आंकड़े को 6.7 प्रतिशत से संशोधित कर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. राजन ने सीएनबीसी टीवी18 से साक्षात्कार में ये बातें कहीं. राजन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता है कि मौजूदा सांख्यिकी आंकड़े किस ओर इशारा कर रहे हैं. देश की सही वृद्धि दर का पता लगाने के लिए इन्हें ठीक किये जाने की जरूरत है. राजन ने ये तो नहीं बताया कि वो मंत्री कौन है जिसने ये कहा कि नौकरियां नहीं हैं. रघुराम राजन ने कहा कि रोजगार सृजन के बिना अर्थव्यवस्था सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर सकती.