कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की रिश्वत डायरी ने एक बार फिर से बीजेपी को सफाई देने पर मजबूर कर दिया है. बीजेपी के नेताओं को कथित तौर पर 1800 करोड़ रुपये रिश्वत देने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी के नेता आमने सामने हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने रिश्वत डायरी से जुड़ी सभी बातों को आधारहीन करार दिया है. येदियुरप्पा ने इन आरोपों को ‘आधारहीन, बेमतलब और छवि धूमिल करने वाला’ बताया है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस जो भी आऱोप लगा रही है वो सभी 2019 में होने वाली हार की हताशा है. उन्होंने ये भी कहा है कि अगर कांग्रेस ने आरोप वापस नहीं लिए तो फिर वो मानहानि का मुकमा करेंगे.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी आगे आकर कहा है कि येदियुरप्पा के खिलाफ लगाए गए आरोप को ‘‘झूठे’’ हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल का अभियान खस्ताहाल है और वह हताशा में ‘‘जालसाजी’’ पर भरोसा कर रही है. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा बीजेपी के शीर्ष नेताओं को पैसे देने के दावे वाली खबर का हवाला देते हुए शुक्रवार (22 मार्च) को भाजपा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सत्तारुढ़ पार्टी के सारे ‘चौकीदार’ चोर हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह बीजेपी के सभी चौकीदार चोर हैं’’
उन्होंने कारवां मैगजीन की वो खबर भी शेयर की गई है. जिसमें दावा किया गया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए येदियुरप्पा ने बीजेपी की केंद्रीय समिति को एक हजार करोड़ रुपये दिए थे. इसमें एक डायरी के आधार पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम भी लिए गए हैं.
क्या है येदियुरप्पा रिश्वात डायरी का मामला ?
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के यहां पर इनकम टैक्स की रेड में मिली डायरी में कई अहम बातों का जिक्र है. बताया जाता है कि ये डायरी येदियुरप्पा की हाथ से लिखी डायरी है जिसकी प्रतियां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास हैं. इसमें बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, केंद्रीय कमेटी और जजों और वकीलों को दिए गए कुल 1800 करोड़ रुपये का ब्योरा दर्ज है.
ये 1800 करोड़ येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में मदद करने वाले नेताओं को दिए गए. जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी (50-50 करोड़ रु.) और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (150 करोड़ रु.), राजनाथ सिंह (100 करोड़ रु.), नितिन गडकरी ( 150 करोड़ और बेटे की शादी में 10 करोड़ रु.) का नाम शामिल है.
मैग्ज़ीन की ख़बर के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व के अलावा जिन्हें पैसा दिया गया उनमें निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने 2008 में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में मदद कर बीजेपी को सत्ता में पहुंचाया. चूंकि वो बहुमत साबित करने में असफल हो गए थे, इसलिए येदियुरप्पा ने कथित रूप से विधायकों को रिश्वत दी.