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रोजगार: मोदी सरकार ने एक और रिपोर्ट रोकी, आंकड़ों पहुंचा सकते थे नुकसान

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रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार की नाकामी लगातार सामने आ रही है. मोदी सरकार ने एक और रिपोर्ट को रोक दिया है. इस रिपोर्ट में मोदी सरकार ने रोजगार के मोर्चे पर नाकामी सामने आ रही थी. इस रिपोर्ट चलते ही NSSO के कार्यवाहक चेयरपर्सन पीसी मोहनन और एक सदस्य जेवी मीनाक्षी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

विपक्षी पार्टियां लगातार रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रही हैं. मोदी सरकार में रोजगार से जुड़े जो आकंड़े सामने आए हैं वो भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि रोजगार घटे हैं. अब नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में पुरुष कामगारों की संख्या घट रही है. 2017-18 में NSSO द्वारा किए गए Periodic Labour Force Survey (PLFS) में खुलासा हुआ है.

Periodic Labour Force Survey (PLFS) में खुलासा

यहां आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को भी सरकार ने जारी नहीं होने दिया है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर रोक लगा दी है. सरकार के इस कदम के विरोध में नेशनल स्टेटिकल कमीशन के कार्यवाहक चेयरपर्सन पीसी मोहनन और एक सदस्य जेवी मीनाक्षी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस रिपोर्ट में बताया है कि शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 7.1% और ग्रामीण इलाकों में 5.8% रही.

NSSO के डाटा बताया है कि 2011-12 से लेकर साल 2017-18 के बीच देश के ग्रामीण इलाकों में 4.3 करोड़ नौकरियां कम हुईं हैं. इस दौरान शहरी इलाकों में 40 लाख नौकरियां कम हुई वहीं गांव देहात के इलाकों में भी इसमें काफी कमी आई. गांव के इलाकों में महिला रोजगार में 68% और पुरुष कामगारों के रोजगार में 96% की कमी आई. ये आंकड़े सरकार ने प्रकाशित नहीं होने दिए. क्योंकि चुनावी मौसम में ये सरकार के लिए मुसीबत बन सकते थे.

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