अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ प्रतिमा का अनावरण किया था, ये स्टैच्यू अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंचा है. खबर है कि इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला.
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में काम करने वाले कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है. ब्रिटिश अखबार ‘द टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिहाड़ी न दिए जाने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों ने अपने औजार छोड़ दिए हैं और 182 मीटर (600 फुट) ऊंची प्रतिमा के इर्द-गिर्द ह्यूमन चेन बनाकर विरोध कर रहे हैं.
31 अक्टूबर 2018 को पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया था. प्रतिमा के उद्घाटन के लगभग दो महीने बाद से उसकी देख-रेख में जुटे कर्मचारियों को वेतन नहीं दी गई. यहां काम करने वाले लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. गुजरात में बना स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया में सबसा स्टैच्यू है. चीन के स्प्रिंग टेंपल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंचा है. नर्मदा नदी के टापू पर बने इस स्टैच्यू को बनाने में सरकार ने करीब 2389 करोड़ रुपए का खर्च किया है.