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महागठबंधन में कांग्रेस फिट क्यों नहीं बैठ पा रही है ?

Priyanka gandhi CONGRESS

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और इसको लेकर UP में गहमागहमी ज्यादा है. इस बार देश का सबसे अहम सूबा किस तरफ जाएगा इसको लेकर लगातार आंकलन हो रहे हैं. यूपी में सपा-बसपा-रालोद के महागठबंधन ने बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं. लेकिन प्रियंका को लेकर सोचने पर मजबूर हो गया है. तो क्या ये माना जाए कि अभी UP में कुछ और नया देखने को मिलेगा.

यूपी के लिए कांग्रेस ने 11 और सपा ने 9 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. लेकिन अभी भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस और सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने की गुंजाइश बाकी है. ये इसलिए है क्योंकि अगर प्रियंका गांधी पूरी ताकत से पूर्वी यूपी में चुनाव लड़ेंगी तो सबसे ज्यादा नुकसान महागठबंधन को हो सकता है. यहां महागठबंधन ये भी समझ रहा है कि प्रियंका गांधी को अगर इतने लंबे इंतजार के बाद राष्ट्रीय राजनीति में लाया गया है तो कांग्रेस के पास इसकी कोई पुख्ता योजना जरूर होगी.

प्रियंका कांग्रेस को कहां फायदा पहुंचा सकती हैं ?

प्रियंका गांधी के आने से अगड़ी जातियों का कुछ हिस्सा बीजेपी से कट कर कांग्रेस के खेमे में आ सकता है. पिछड़ी जातियों और मुसलमानों का भी बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पाले में जा सकता है. यही चिंता महागठंबधन को परेशान कर रही है. तो क्या कांग्रेस सपा, बसपा और रालोद के साथ महागठबंधन में आने को तैयार है और अगर हां तो कितनी सीटों के साथ? यहां आपको बता दें कि कांग्रेस 2014 नहीं बल्कि 2009 के आधार पर सीटें चाहती है. खबर है कि प्रियंका गांधी ने 15 सीटें मांगी हैं और इससे कम सीटों पर बात नहीं बनेगी. 11 उम्मीदवारों की सूची जारी करके कांगेस साफ कर दिया है कि इन सीटों पर तो कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी. और अगर औपचारिक गठबंधन नहीं होता है तो फिर अंदरखाने बात भी बन सकती है.

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