रफाल सौदे के मामले में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान एटॉर्नी जनरल ने एक चौकानें वाला बात कही. उन्होंने कहा है कि रफाल लड़ाकू विमान से जुड़े सौदे के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी कर लिए गए.
रफाल सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई तो प्रशांत भूषण ने एक नोट पढ़ना शुरू किया, इसको लेकर एटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने आपत्ति जाहिर की. भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि ‘अहम तथ्यों’ को सरकार दबा नहीं सकती है. रफाल सौदे से जुड़े मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ़ की बेंच कर रही है. सुनवाई के दौरान एटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा,
”रक्षा मंत्रालय से नौकरशाहों ने ऐसे दस्तावेज चुरा लिए हैं जिसकी जांच अभी लंबित है. फ़ाइल चोरी की गई और एक राष्ट्रीय दैनिक अख़बार ‘द हिन्दू’ ने इसे प्रकाशित कर दिया. हमलोग इसकी जांच कर रहे हैं कि फ़ाइल चोरी कैसे हुई. रक्षा सौदों का संबंध राष्ट्र की सुरक्षा से होता है और ये काफ़ी संवेदनशील हैं. अगर सब कुछ मीडिया, कोर्ट और पब्लिक डिबेट में आएगा तो दूसरे देश सौदा करने से बचेंगे”
एटार्नी जनरल से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर फाइल चोरी हुई है तो चोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. रफाल सौदा मोदी सरकार ने फ़्रांस से 2016 में किया था जिसके तहत 59,000 करोड़ रुपए में फांस की दसॉ कंपनी भारत को 36 लड़ाकू विमान बेचेगी. लेकिन इस सौदे में हुए भ्रष्टाचार का आरोप कांग्रेस लगा रही है औऱ ये मोदी सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है.