अमेरिका ने भारत को तगड़ा झटका देते हुए उस लिस्ट से बाहर करने का फैसला किया है जिसके मुताबिक भारत में अमेरिका में तरजीह दी जाती थी. अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमरीका भारत और तुर्की से होने वाले करोड़ों डॉलर के ड्यूटी फ्री सामान के आयात पर रोक लगाना चाहता है.
ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को लिखे पत्र के मुताबिक कहा है कि भारत ने अमेरिका से होने वाले आयात पर लगने वाला आयात शुल्क बढ़ा दिया है, और तुर्की अब विकासशील देश नहीं रहा. लिहाजा ये फैसला करना ज़रूरी हो गया है. ट्रंप ने इस पत्र में लिखा,
“भारत सरकार के साथ काफी चर्चा के बाद मैं ये क़दम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि भारत ने अब तक अमरीका को इस बात का आश्वासन नहीं दिया है कि वो अपने बाज़ारों तक अमरीका को समान और उचित पहुंच देगा.”
आपको बता दें कि 1970 में अमेरिकी ने एक खास आयात नीति अपनाई थी जिसके तहत अमेरिका में भारत और तुर्की को एक विकासशील देश के तौर पर तरजीही मुल्क का दर्जा मिला था. इसके तहत भारतीय बाज़ार को सहरा देने के लिए भारत का 5.6 बिलियन डॉलर यानी 560 करोड़ डॉलर का सामान अमरीकी बाज़ारों में बिना आयात शुल्क के पहुंचता है.
क्या होगा असर?
ट्रंप का कहना है कि अमेरिका तो भारत को राहत देता है लेकिन भारत अमेरिका से होने वाले आयात पर शुल्क लगाता है. ट्रंप का मानना है कि भारत के ज्यादा आयात शुल्क लगाने को अनुचित व्यापार व्यवहार मानते हैं. ट्रंप ने कहा है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजारों में पहुंच बनाने का सही मौका नहीं दिया. व्यापारिक तौर पर दोनों देशों के रिश्ते इससे बिगड़ सकते हैं. हालांकि अभी ये आदेश लागू नहीं होगा. कांग्रेस के इस आदेश को पारित करने के बाद ये राष्ट्रपति अधिसूचना के रूप में लागू किया जाएगा, लेकिन इसके लागू होने में 60 दिन का वक्त लगेगा.
भारत को तरजीही राष्ट्र की सूची ने हटाने पर भारत की अर्थव्यवस्था पर क़रीब 190 मिलियन डॉलर यानी करीब 19 करोड़ डॉलर का असर होगा. साल 2017 में भारत के साथ अमरीकी सामान और सेवा व्यापार घाटा 27.3 बिलियन डॉलर (2730 करोड़ डॉलर) का था. आपको बता दें कि अमेरिका की फवर्ड नेशन नीति का सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका को ही होता है.