बीजेपी जहां लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है वहीं कांग्रेस का मीडिया अभियान कुछ और वक्त के लिए टल सकता है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी को अभियान के लिए जो डिजाइन बनाया गया वो पसंद नहीं आया है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक प्रचार समिति के नेता लगातार मंथन कर रहे हैं. दो दिनों में समिति के नेताओं की दो बार मुलाकात हुई है. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहते हैं लिहाजा वो पूरी ताकत और तैयारी के साथ मैदान में आना चाहते हैं. प्रचार के लिए अभी जो प्लानिंग की गई है वो राहुल गांधी को पसंद नहीं आई.
क्या होगी प्रचार की दिशा?
प्रचार समिति ने शाहरुख की फिल्म ‘चक दे’ का एक डॉयलॉग रूपांतरण करके ‘सच्ची सरकार, अच्छी सरकार’ नारा गढ़ा था जो राहुल गांधी को पसंद नहीं आया. राहुल ने कुछ और विकल्प सुझाने के लिए कहा है. कांग्रेस प्रचार समिति की अध्यक्षता आनंद शर्मा कर रहे हैं और उनका कहना है कि ‘वादा बनाम विश्वासघात’ पर भी विचार किया जा रहा है. जिसके माध्यम से वो बताएंगे कि 2014 में जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं किए गए.
कौन संभालेगा प्रचार की कमान?
कांग्रेस प्रचार अभियान का काम पर्सेप्ट, क्रेयॉन, लियो बर्नेट और डिज़ाइन बॉक्सिंग जैसे एडवरटाइजिंग कंपनी के चयन पर विचार किया जा रहा है. इन कंपनियों ने कांग्रेस के साथ पहले भी काम किया है. 2004 में लिया बर्नेट ने कांग्रेस का प्रचार अभियान तैयार किया था जिसमें आम आदमी पर फोकस किया गया था.
2014 में कांग्रेस के प्रचार अभियान का काम परसेप्ट ने किया था. और डिज़ाइन बॉक्सिंग ने पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में पार्टी के सफल अभियान को संभाला. 2019 में कांग्रेस प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और सोशल मीडिया के अलावा बाहरी अभियानों के लिए अलग अलग कंपनियों को जिम्मा देना चाहती है.