#LoksabhaElection2019: पूर्वोत्तर की 25 सीटों के लिए राहुल की क्या रणनीति है ?

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लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के लिए करो या मरो वाले हालात है. पार्टी के पार खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए बहुत कुछ है. राहुल गांधी आगामी चुनाव के लिए हर कदम एतिहात के साथ रख रहे हैं. क्षेत्रवार रणनीति बना रहे हैं और पूर्वोत्तर के लिए भी उनकी अलग रणनीति है.

पूर्वोत्तर में लोकसभा की 25 सीटें हैं. कांग्रेस की कोशिश 25 में से 20 सीटें जीतने की है. राहुल गांधी ने असम में अपनी मंशा जाहिर भी कर दी. राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्वोत्तर की 25 में से 20 सीटें कांग्रेस जीतने जा रही है. उन्होंने कहा,

‘मैं पूर्वोत्तर में कांग्रेस पार्टी से 20 से अधिक सीटों की उम्मीद कर रहा हूं, उससे कुछ भी कम नहीं. मेरा मानना है कि आपको 22 सीटें जीतने का प्रयास करना चाहिए’

राहुल गांधी आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आए और उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने से कोई रोक नहीं सकता. इसके लिए कांग्रेस ने क्या रणनीति बनाई है ये समझना भी जरूरी है. बीते करीब चार सालों में बीजेपी पूर्वोत्तर में मजबूत हुई है और कांग्रेस कमजोर हुई है.

ऐसे में राहुल गांधी पूर्वोत्तर राज्यों के कांग्रेस जिला और खंड इकाई प्रमुखों को नया टास्क दे रहे हैं. उन्होंने सभी प्रमुखों से कहा है कि कांग्रेस तीन चार मुद्दों पर फोकस करेगी. जिसमें रोजगार संकट, किसानों की समस्या और भ्रष्टाचार शामिल है. राहुल गांधी ने कहा है कि यहां 25 में 20 या 22 सीटें जीतने जा रहे हैं.

राहुल की रणनीति

2014 में कांग्रेस ने यहां 25 में सिर्फ 8 सीटें जीती थीं जिसमें तीन सीटें असम, दो मणिपुर और एक-एक सीट अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम में थी. वहीं बीजेपी ने इस पूर्वोत्तर में अच्छा प्रदर्शन किया था और असर में 7 अरुणाचल में एक सीट जीती थी.

कांग्रेस के लिए इस बार पूर्वोत्तर में चुनौती बड़ी है और पार्टी यहां अलग रणनीति से चुनाव लड़ने जा रही है. राहुल गांधी ने कहा है कि,

कांग्रेस भारत और पूर्वोत्तर में तीन-चार अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी. इसमें एक नागरिकता विधेयक है. कांग्रेस का रुख स्पष्ट है कि हम इस विधेयक का विरोध करते हैं. कांग्रेस पार्टी पूर्वोत्तर के लिए खड़ी हुई और विधेयक को राज्यसभा में आने से रोक दिया. नरेंद्र मोदी को कोई फिक्र नहीं है और उन्हें लोगों की समस्याओं में रुचि नहीं है. हम पूर्वोत्तर को शिक्षा का केंद्र बनाना चाहते हैं.भ्रष्टाचार और राफेल बड़े मुद्दे हैं. 30,000 करोड़ रुपए अनिल अंबानी को दे दिए गए. जब भी मैं ‘चौकीदार’ शब्द का उल्लेख करता हूं, सभी कहते हैं ‘चौकीदार चोर है.’ मैं इस देश के सभी ‘चौकीदारों’ से उनकी विश्वसनीयता को खतरे में डालने के लिए माफी मांगता हूं लेकिन मैं कह रहा हूं केवल एक ही चौकीदार चोर है.’

राहुल गांधी का एजेंडा तय है और वो बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखकर लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करना चाहते हैं. पूर्वोत्तर पर बीजेपी की भी नजर है क्योंकि वो हिंदी पट्टी के राज्यों में होने वाली सीटों की कमी को पूर्वोत्तर के राज्यों से पूरा करना चाहती है. ऐसे में पूर्वोत्तर का चुनाव इस बार दिलचस्प होगा.

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