जब सब सो रहे थे तब पाकिस्तान के घर में घुसकर भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया. पाकिस्तान के बालाकोट में जैश आतंकी ठिकानों को वायुसेना ने मिराज 2000 के जरिए एक हजार किलो का बम गिराया.
ये दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है और ये मानकर चलिए इससे पाकिस्तान के हुक्मरान हिल गए हैं. लेकिन यहां सवाल ये भी है कि आखिर कैसे भारतीय वायुसेना पाकिस्तान में घुसकर हमला करके लौट आई और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वो ये है कि भारत के मुकाबल पाकिस्तान की वायुसेना काफी पीछे है. पाकिस्तान की वायुसेना ऐसे हमलों का जवाब देने में सक्षम नहीं है.
भारतीय सेना पूरी तैयारी के साथ गई थी. पाकिस्तान का एयर सर्विलांस सिस्टम और जैमर बहुत ही लचर है. इतने कम टाइम के हमले को संभालना पाकिस्तान के मौजूदा एयर सर्विलांस के बस की बात नहीं है. 12 मिराज 19 मिनट में हमले का अंजाम देकर वापस लौट आए लेकिन कैसे? 1971 से ये लगातार हो रहा है. लेकिन हो कैसे रहा है. ये समझना जरूरी है.
अप्रैल 2000 में भारतीय एयरफ़ोर्स ने रूस से दो A-50 AWAC (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल) एयरक्राफ़्ट ख़रीदे थे. यह रेडार सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के लिए काफ़ी अहम था. इनके जरिए भारत पाकिस्तान के भीतर और पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की जासूसी करने में सक्षम हो गया है. A-50 AWAC से भारत को पहले ही पता चल जाता है कि पाकिस्तानी रेडार सिस्टम कहां लगा है
एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल टेक्नॉलजी यानी दूसरे देश के एयरफ़ोर्स की गतिविधियों पर नज़र रखने वाली टेक्नॉलजी में अमरीका सबसे आगे है. पाकिस्तान इसके लिए चीन पर निर्भर है. चुंकि अमेरिका अब पाकिस्तान को मदद नहीं कर रहा है इसलिए पाकिस्तान के लिए ये झटका है.