मोदी सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है और ऐसे में उनके कामकाज का आंकलन लोग अपने अपने तरीके से कर रहे हैं. इसी आकंलन के लिए एक आरटीआई दाखिल की गई थई और उसके जरिए जानकारी ये मिली है कि मोदी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में 3 हजार करोड़ सिर्फ प्रचार प्रसार में खर्च कर दिए.
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में 2,374 करोड़ रुपए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 670 करोड़ रुपए प्रचार के अन्य माध्यम के लिए खर्च किए हैं. ISF संजीव चतुर्वेदी की आरटीआई में ये जानकारी मिली है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय में आने वाले आउटसोर्सिंग और संचार ब्यूरो ने ये जानकारी दी है. आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि,
मोदी सरकार ने सोशल मीडिया, रेडियो और टीवी मीडिया पर साल 2014-15 में 470.39 करोड़, 2015-16 में 541.99 करोड़ और 2016-2017 में 613.78 करोड़ खर्च किए गए. साल 2017-18 में 474.76 करोड़ और अप्रैल 2018 से दिसंबर तक 273.54 करोड़ खर्च किए गए.
मोदी सरकार ने प्रचार के लिए सभी माध्यमों पर पैसा खर्च किया है जिसमें ऑल इंडिया रेडियो और अन्य रेडियो प्लेटफॉर्म, डीडी नेशनल, इंटरनेट, थिएटर, टीवी और कई अन्य बड़े माध्यम शामिल हैं. सरकार ने रोजगार संबंधी सूचनाएं, टेंडर और अन्य नोटिस समेत विभागीय विज्ञापनों में ये पैदा खर्च किया है. वहीं बाहरी प्रचार की बात करें तो 2014 से 2018 तक 670 करोड़ रुपए बाहरी प्रचार में खर्च हुए हैं.
2014-15 में 81.27 करोड़, साल 2015-16 में118.51 करोड़, साल 2016-17 में में 186.37 करोड़ और साल 2017-18 में 208.54 करोड़ खर्च किए गए हैं। अप्रैल 2018 से लेकर नवंबर 26 तक आउटडोर एड पर 75.08 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
वहीं अगर मोदी सरकार ने पहले की बात करें तो,
बाहरी प्रचार पर साल 2009-10 में 1.85 करोड़, 2010-11 में 31.06 करोड़ और 2011-12 में 45.47 करोड़ खर्च किए गए, 2012-2013 में लगभग 51.42 करोड़ और 2013-2014 में 74.35 करोड़ खर्च किए गए थे
संजीव चतुर्वेदी ने जो आरटीआई दाखिल की थी उसमें उन्होंने जानने की कोशिश की थी कि सरकार ने खुद की पब्लिकसिटी के लिए कितनी रकम खर्च की उसी में ये जानकारी मिली है. जबाब में सभी खर्चों के बारे में जानकारी दी हई है.