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बीते 5 सालों में आतंकी घटनाओं में 177% और शहादत में 94% बढ़ोत्तरी

पुलवामा हमला होने के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. देश बदला चाहता है और मोदी सरकार से देश अपील कर रहा है कि सरकार बदला लो. लेकिन क्या उम्मीद की जा सकती है. क्योंकि पुलवामा में कोई पहली बार आतंकी हमला नहीं हुआ है. इससे पहले देश ने संसद पर हमला देखा, मुबई अटैक देखा और पठानकोट, उरी भी देखा. हर हमले के बाद सरकार निंदा करती है और फिर सब खत्म हो जाता है. आपको कुछ आंकड़े दिखाते हैं ये आंकड़े देखकर आप समझ पाएंगे कि सरकार शहादत के लिए कितनी गंभीर है.   

मोदी सरकार में आतंकी हमले और शहादत के आंकड़े

मोदी सरकार में आतंकवादियों का सफाया करने में 134 % की बढ़ोतरी हुई लेकिन उससे कहीं ज्यादा सैनिकों ने शहादत दी है. गृह मंत्रालय ने ये आंकड़े पांच फरवरी को संसद में रखे. 2017 की तुलना में 2018 में आतंकवाद की घटनाएं 80 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.

इंडियास्पेंड के रिपोर्ट कहती है कि जम्मू कश्मीर में 2017 तक 28 सालों में आतंकवाद की 70,000 से ज्यादा घटनाएं हुई और इस दौरान करीब 22,143 आतंकवादियों को मारा गया है. और इन घटनाओं में 13,976 नागरिकों की मौत हुई. इन सालों में करबी 5,123 जवानों शहादत हुई. ये आंकड़े बताने के लिए काफी है कि सरकार आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए कितना गभीर है.

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