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मोदी सरकार ने संसद की पूर्व मंजूरी के बिना ही 1,157 करोड़ रुपए खर्च कर दिए: कैग रिपोर्ट

मोदी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी तक अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में छपी के आधार पर राहुल गांधी मोदी सरकार को घेर रहे थे और अब उन्हें एक और मौका मिल गया है. वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान विभिन्न मदों में आवंटित बजट से 1,157 करोड़ रुपये अधिक खर्च किये हैं.

दरअसल मोदी सरकार ने ये पैसा खर्च तो किया है लेकिन इसे खर्च करने के लिए संसद की पूर्व अनुमति नहीं ली है. कैग की वित्तीय ऑडिट की रिपोर्ट कहती है कि 2017-18 के दौरान संसद की पहले इजाजत लिए बगैर 1,156.80 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय की ओर से सभी मिनिस्ट्री/ डिपार्टमेंट पर वित्तीय अनुशासन लागू करने के लिए एक असरदार तंत्र की जरूरत है जिससे इस तरह की खामियों से निपटा जा सके. हालांकि इस तरह के तंत्र के लिए PAC  ने सिफारिश की थी लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

2017-18 में 13 अनुदानों के मामले में संसद की मंजूरी के बिना कुल 1,157 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए गए ये वित्त मंत्रालय की लापरवाही की वजह से हुआ है.

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