भारतीय वायुसेना की शक्ति में अब इजाफा होगा. अमेरिकी कंपनी बोइंग के द्वारा बनाए गए शिनूक की आपूर्ति शुरू हो गई. भारी वज़न उठाने में सक्षम शिनूक हेलीकॉप्टरों का पहला बेड़ा अमेरिका से भारत पहुंच गया है. चार शिनूक हेलीकॉप्टर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंचे हैं.
तीन साल पहले 15 शिनूक हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका बोइंग को दिया गया था. इन हेलीकॉप्टरों से वायुसेना की शक्ति बढ़ेगी. एक जानकारी और आपको दे दें कि शिनूक के कलपुर्जे जोड़ने का काम भारत में ही होगा. कलपुर्जे जोड़ने के बाद ये चंडीगढ़ में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर ले जाएंगे. उसके बाद ये वायुसेना में शामिल हो जाएंगे.
शिनूक सीएच-47एफ आई के आने से वायुसेना ज़्यादा ऊंचाई वाली जगहों पर रक्षा साजो-सामान आसानी से पहुंचा पाएगी. फिलहाल वायु सेना ये काम एमआई-26 हेलीकॉप्टर से करती है जो रूस के नेतृत्व वाले सोवियत संघ से ख़रीदा गया था.
शिनूक की खासियत ये है कि राहत सामिग्री और सैनिकों को बड़ी आसानी से ऊंची जगहों तक पहुंचाता है. बोइंग का ये बेहतरीन हेलीकॉप्टर है. बोइंग अमेरिका की कंपनी है और अमेरिका को 2008 से अब तक भारत से करीब 1,067 अरब रुपए के ठेके मिल चुके हैं. आप समझ सकते हैं कि अमेरिकी कितनी बड़ी तादाद में अमेरिका से रक्षा सामान खरीदता होगा.