UP में लोकसभा की 80 सीटें हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP ने यहां पर 71 सीटें जीती थीं. 2 सीटें यहां पर बीजेपी के सहयोगी अपना दल ने जीती थीं. कुल मिलाकर बीजेपी और उसके सहयोगियों के खाते में यूपी की 73 सीटें आईं थीं. अब 2019 में बीजेपी बदले हुए समीकरण बदले हुए समीकरणों में चुनाव लड़ेगी और ऐसे में बीजेपी के ही सर्वे ने मोदी-शाह की नींदे उड़ा दी होंगी.
अपना दल (S) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की नाराजगी के बीच बीजेपी के इस सर्वे में आया है कि बीजेपी इस बार 20 सीटें जीतेगी यानी उसकी करीब 50 सीटों का नुकसान हो सकता है. भासपा और अपना दल का पूर्वी यूपी में प्रभाव है और ये दोनों ही दल बीजेपी को अल्टीमेटम दे चुके हैं. टेलीग्राफ में छपी ख़बर के मुताबिक बीजेपी के सर्वे में पता चला है कि यूपी में उसे 51 सीटों का नुकसान हो सकता है.
ऐसे में मोदी-शाहर को पुराने सहयोगी को साथ रखने और नए सहयोगियों की तलाश करने की जरूरत आन पड़ी है. अपना दल और भासपा को साथ रखना अब बीजेपी की मजबूत हो सकती है. इतना ही नहीं बीजेपी आरएलडी को साथ लाने की संभावना भी खोज रही है. फिलहाल आरएलडी सपा-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. चुंकि पश्चिमी यूपी में आरएलडी की पकड़ है इसलिए बीजेपी को उसकी जरूरत है.
सिर्फ यूपी में ही नहीं महारास्ट्र में भी बीजेपी को तगड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि यहां पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना लगातर मोदी को घेर रही है और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर चुकी है. वहीं दूसरे राज्य जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा बीजेपी की पकड़ मजबूत बनी हुई है. लेकिन इन राज्यों में पार्टी को 2014 के मुकाबले कुछ सीटों का नुकसान होना तय है.