लोकसभा चुनाव करीब है और ऐसे में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट भारत में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले तत्वों की शिनाख्त कर रही है. यूएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भारत में बढ़ती सांप्रदायिक झड़पें इस्लामी आतंकवादी समूहों को विस्तार करने का मौका दे रही हैं.
अमेरिकी खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि भारत में सत्ताधारी मोदी सरकार ने अगर हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है. अमेरिकी खुफिया विभाग की ओर से जारी 2019 वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक डैनियल आर कोट्स ने कहा है,
“हिंदू राष्ट्रवादी वोट लेने के लिए हिंसा को उकसा सकते हैं”
रिपोर्ट में भारत के मौजूदा हालातों पर रोशनी डालते हुए बताया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत में क्या हालात हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है,
“मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान भाजपा की नीतियों ने कुछ भाजपा शासित राज्यों में सांप्रदायिक तनाव को गहरा कर दिया है, और हिंदू राष्ट्रवादी अपने समर्थकों के साथ एक अभियान भी छेड़ सकते हैं“
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की इस रिपोर्ट में इस और गंभीर समस्या की ओर इशारा किया गया है. इसमें कहा गया है कि भारत में होने वाली “सांप्रदायिक झड़पों से भारतीय मुसलमान अलग-थलग पड़ सकते हैं और इससे भारत में इस्लामी आतंकवादी समूहों को अपना विस्तार करने का मौका मिल सकता है “
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत में अगर सांप्रदायिक तनाव होता है और चुनाव में विभाजनकारी नीतियां अपनाई जाती हैं तो भारत-पाकिस्तान के रिश्ते और खराब होंगे जिससे एलओसी पर भी गोलीबारी की घटनाएं बढ़ेंगी. रिपोर्ट में ये संकेत भी दिए गए हैं कि चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक पैंतरेबाजी से माहौल खराब होगा.
यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि 2018 में अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में भारत की राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं की गई थी. लेकिन 2019 की रिपोर्ट में इसको अलग से जगह दी गई है. ‘इंडियन इलेक्शन एंड एथनिक टेंशन’ नाम से अलग खंड में विस्तार से इस बात की चिंता जाहिर की गई है कि आगामी चुनाव में सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है.