एक महीने पहले तक वीएचपी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अभियान को तेज कर रही थी. लेकिन अब ऐसा क्या हो गया है कि विएचपी ने कहा है कि अब लोकसभा चुनाव तक अभियान रोका जा रहा है. क्या इसलिए पीछे राजनीतिक नफा नुकसान का मामला है?
वीएचपी ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वो अभियान इसलिए रोक रही है क्योंकि वो नहीं चाहती कि ये कोई चुनावी मुद्दा बने. प्रयागराज में वीएचपी की धर्मसभा के कुछ दिनों बाद संगठन ने यह घोषणा की गई है.
ये एलान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि धर्मसभा में ये प्रस्ताव स्वीकार किया गया था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण तक हिंदू चैन से नहीं बैठेंगे. लेकिन अब ऐसा क्या हो गया है कि वीएचपी चैन से बैठने को तैयार है. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा,
‘विहिप ने आम चुनाव संपन्न होने तक अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर के निर्माण के लिए अपना अभियान रोकने का फैसला किया है क्योंकि संगठन नहीं चाहता कि यह कोई चुनावी मुद्दा बने.’
वहीं कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा,
‘हम अगले 4 महीनों तक कोई आंदोलन संबंधी कार्यक्रम नहीं करेंगे. यह निर्णय इसलिए किया गया क्योंकि सभी को लगता है कि चुनाव के समय पर ऐसे आंदोलनों और राम मंदिर निर्माण की मांग राजनीति में उलझकर महज चुनावी मुद्दे बनकर रह जायेंगे. ऐसा सोचा गया कि अगले चार महीनों तक इस मुद्दे को राजनीति से बचाना चाहिए.’
देशभर में अभियान चलाकर मंदिर निर्माण के लिए समर्थन की मांग कर रही वीएचपी अब खामोश क्यों हुई है ये समझना मुश्किल नहीं है क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत भी कह चुके हैं बीजेपी सरकार को एक मौका और देना चाहिए. तो क्या ये एक और मौका देने के लिए है.