मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की है. इस योजना के तहत सरकार देश के उन किसानों को सालाना 6,000 रुपये देगी जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम जमीन है. पीएम मोदी और तमाम बीजेपी के तमाम नेताओं ने इस योजना को क्रांतिकारी बताया है. लेकिन यहां सवाल ये है कि इस योजना से अन्नदाता को कितना फायदा होगा ?
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक सरकार ने जो रकम देने के लिए कहा है वो एक औसत किसान की सालाना आय का 5 फीसदी भी नहीं है. ये बात नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस यानी NSSO के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद साफ हुई. आंकड़े कहते हैं कि,
‘2018-19 में एक औसत किसान प्रति महीने 10,329 रुपये की आय कमाएगा. यानी सालाना एक लाख 23,948 रुपये होती है. यानी मोदी सरकार जो रकम किसानों को दे रही वो सम्मान निधि की सिर्फ 5 फीसदी है.’
NSSO की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच एक औसत किसान परिवार की मासिक आय 6,426 रुपये और वार्षिक आय 77,112 रुपये थी. रिपोर्ट कहती है कि जिन किसानों के पास खेती के लिए 0.01-0.4 हेक्टेयर जमीन थी, उनकी महीने की आमदनी 4,152 रुपये थी.
वहीं जिनके पास 10 हेक्टेयर की जमीन थी उन किसानों की मासिक आय 41,388 रुपये थी. वहीं, दो हेक्टेयर तक की जमीन पर खेती करन वाले सीमांत किसानों की बात करें तो उनकी महीने की आमदनी 5,240 रुपये थी. मोदी सरकार जिन किसानों को पांच सौ रुपये महीना देने की बात कर रही है वो 52 सौ 40 रूपया कमाते हैं.
नई योजना में देश के किसानों की संख्या देश के कुल किसान परिवारों का 87 फीसदी है. ऐसे हरेक किसान की मासिक आय अब 8,422 रुपये है. एनएसएसओ के डेटा विश्लेषण के मुताबिक इस योजना से किसानों को उनकी कुल वार्षिक आय का पांच या छह फीसदी ही मिल पाएगा. अब आप अंदाजा लगाइए कि किसानों का कितना फायदा होगा.