केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने स्टार्टअप इंडिया का जोरशोर से एलान किया. बताया गया कि स्टार्टअप इंडिया से रोजगार की संभावनाएं बनेगी और युवाओं को मौके मिलेंगे. लगभग उस वक्त की सभी रैलियों में पीएम और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने इस योजना का बखान किया था. लेकिन 2019 में ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने इस योजना का बजट घटा दिया.
2019-20 के अंतरिम बजट में स्टार्टअप इंडिया 25 करोड़ रुपये का प्रावधान जबकि 2018-19 के संशोधित अनुमान में 28 करोड़ रुपये इस योजना को दिए गए थे. यानी 3 करोड़ रूपये की कटौती की गई. स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरूआत इसलिए की गई थी क्योंकि मोदी उद्योगों को आगे ले जाना चाहते थे.
हालांकि 2019-20 के लिए मेक इन इंडिया के आवंटन को बढ़ाकर बढ़ाया गया है. इस बार इसमें 473.3 करोड़ रुपये डाले गए हैं. आईबीएम की रिपोर्ट कहती है कि हमारे देश में स्टार्टअप पहले 5 साल में ही दम तोड़ देते हैं. इसका कारण होता है प्रोत्साहन की कमी. भारत में कोई ऐसा तंत्र है ही नहीं जिससे स्टार्ट अप को बचाया जा सके. शायद इसलिए इस बार इस योजना का बजट घटा दिया गया.