पूरे देश की निगाहें आज 11 बजते ही टीवी पर टिक गईं. मोदी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने वाली थी. अरूण जेटली की बीमारी की वजह से वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण पढ़ना शुरु किया.
बजट भाषण के शुरूआती 20 मिनट तक उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. फिर उन्होंने पहली घोषणा किसानों के लिए की. सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तौर पर पहला एलान किया. गोयल लगातार ये बात कहते रहे कि ये पूर्ण बजट नहीं है लेकिन फिर भी वो ऐसी तमाम घोषणाएं करते रहे जो ये बता रही थीं कि वो लंबी दूरी पर देख रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष से योजना की शुरुआत
चुनावी साल में ये गलत भी नहीं है और इसलिए उन्होंने किसान सम्मान निधि के तहत सीमांत किसानों के लिए 6,000 रुपये सालाना की निश्चित आय देने का एलान किया. ये यूनिवर्सल बेसिक इनकम तो नहीं लेकर उसका एक रूप जरूर है. इस योजना के तहत सरकार किसानों के खाते में सीधे रकम डालेगी. नया ये हुआ कि गोयल ने इस योजना को चालू वित्त वर्ष से ही लागू कर दिया है यानी 1 दिसंबर, 2018 से ये लागू की जाएगी. इसके तहत 2000 रुपये की तीन किस्तों में आर्थिक मदद किसानों को दी जाएगी. यानी चुनाव से पहले किसानों को इसकी पहली किस्त मिल जाए.
श्रमिकों के लिए पेंशन योजना का एलान
मोदी सरकार के ऊपर ये आरोप लगते रहे हैं कि श्रम सुधारों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. लेकिन इस बार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना का एलान किया गया जिसके तहत श्रमिकों को 60 साल की उम्र से पेंशन दी जाएगी. इसके लिए जितना मासिक अंशदान श्रमिक करेंगे उतना ही सरकार की ओर से भी किया जाएगा. ये अपने आप में अलग इसलिए भी है क्योंकि सरकार के ऊपर असंगठित क्षेत्र को नोटबंदी से बर्बाद करने का आरोप लगता रहा है.
बजट भाषण में फिल्म का प्रचार किया
शायद ही ऐसा कभी हुआ हो कि किसी बजट भाषण में किसी फिल्म का प्रचार किया गया हो. हर वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करने का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद-112 में किया गया है. बजट पेश करने से जुड़ी परंपरा है. इसमें योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र होता है. किसी निजी कंपनी का उल्लेख बजट में वित्त मंत्री नहीं करते. लेकिन पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट भाषण में निजी कंपनियों द्वारा बनाए गई फिल्म ‘उरी’ का जिक्र तीन बार किया. और कहा कि ये फिल्म जोश दिलाने वाली है. लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद में बजट भाषण के जरिए किसी फिल्म के प्रमोशन का शायद इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ.
अंतरिम बजट में तीन दशकों का विजन
ये बात तो पहले ही स्पष्ट थी कि ये अंतरिम बजट है. यानी चुनाव तक का बजट वित्त मंत्री को पेश करना था लेकिन उन्होंने इतनी बड़ी बड़ी बातें और घोषणाएं की जैसे वो पूर्ण बजट पेश कर रहे हों. उन्होंने बजट भाषण में अगले एक दशक के लिए 10 सूत्री विजन पेश किया. अतंरिम बजट में इस तरह की दीर्घकालिक योजानाओं का जिक्र नहीं किया जाता है. कुल मिलाकर बजट के जरिए मोदी सरकार ने चुनावी गणित का भी साधने की कोशिश की.