अगले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. रणनीतियां बनाई जा रही हैं और समीकरण बन बिगड़ रहे हैं. ऐसे में सर्वे एजेसियां जो आकंड़े जमा कर रही हैं वो बीजेपी के लिए अच्छे नहीं हैं. ताजा सर्वे के मुताबिक कांग्रेस राहुल गांधी की अगुवाई में 4 गुना ज्यादा फायदे में है.
ताजा सर्वे में दक्षिण भारत की 131 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 17 सीटें मिल रही हैं और कांग्रेस को चार गुना ज्यादा सीटें मिल रही हैं. यानी 131 में से कांग्रेस 71 सीटें जीत रही हैं. न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने वीएमआर के साथ मिलकर ये सर्वे कराया है.
इस सर्वे में रहा गया है कि राहुल गांधी की अनुवाई में कांग्रेस 71 सीटें जीतेगी. जनवरी में कराए गए इस सर्वे ने बीजेपी की नीदें उड़ा दी हैं. अगर राज्यवार देखें तो भी बीजेपी को बड़ा नुकसान होता हुआ दिखाई दे रहा है. कांग्रेस सर्वे में तेजी से ऊपर जाती दिखाई दे रही हैं.
क्या कहता है दक्षिण भारत का सर्वे?
- तमिलनाडु की 39 सीटों में से यूपीए 35 और AIADMK 4 सीटें जीतेगी, बीजेपी का खाता नहीं खुलेगा
- 2014 में तमिलनाडु की 39 में से AIADMK ने 37 सीटें जीती, यूपीए-0 और एनडीए ने 2 सीटें जीतीं थीं
- केरल की 20 सीटों में से बीजेपी शून्य, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ 16, LDF 3 सीटें जीतेगा
- 2014 के लोकसभा चुनाव में UDF ने 12, LDF ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी BJP का खाता नहीं खुला
- AP की 25 सीटें में वाईएसआरसीपी 23, तेदेपा को सिर्फ 2 और बीजेपी-कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी
- 2014 के चुनाव में तेदेपा ने 15 सीटें जीती थी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 8 सीटें, बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं
- तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से टीआरएस 10, कांग्रेस 5, भाजपा 1 और अन्य 1 सीट पर जीतेगी
- पिछले लोकसभा चुनाव में टीआरएस ने 12 सीटें और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थी, एनडीए को 1 सीट मिली
- पुडुचेरी में एक सीट है जहां 2014 में बीजेपी जीती थी लेकिन अभी चुनाव हुए तो यूपीए यहां जीत जाएगा
- अंडमान निकोबार की एक मात्र सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहेगा, यहां 2014 में बीजेपी जीती थी
कुल मिलाकर राहुल गांधी के लिए अच्छी खबर है. बीजेपी का दक्षिण भारत में राज करने का सपना चूर चूर होता हुआ नजर आ रहा है और राहुल गांधी दक्षिण में अपनी समीकरण बैठाते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि ये जनवरी का सर्वे है और चुनाव तक इसमें बदलाव आ सकता है लेकिन बीजेपी के लिए संकेत अच्छे नहीं हैं.