राजनीति के मैदान में टीमें उतर चुकी हैं. तैयारी है मैच शुरू होने की. सियासी मैच में कौन जीतेगा किसकी हार होगी ये तो मई में साफ होगा लेकिन उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि कौन सी टीम का ‘गेम प्लान’ क्या है? बात मोदी की करें तो 80 लोकसभा सीटों वाले इस सूबे में बीजेपी ये कतई नहीं चाहेगी कि 2014 की अपेक्षा उसकी सीटों की संख्या घटें और इसके लिए मोदी ने बनाया है आक्रामक ‘गेम प्लान’
सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद बीजेपी के लिए नए सिरे अपने रणबांकुरों को तैयार कर रही है. मैदान में कौन कहां पर तैनात होगा और किसका क्या काम होगा ये तय किया जा रहा है. सूबे के सियासी समीकरण बदलने के बाद मोदी ये कतई नहीं चाहते कि विपक्ष उनके ऊपर हावी हो लिहाजा इसकी पूरी संभावना है कि वो चित परिचित अंदाज में आक्रामक हिंदुत्व का हथियार इस्तेमाल करेंगे.
मोदी को दूसरी बार पीएम बनने से रोकने में यूपी बड़ी भूमिका निभा सकता है. लिहाजा 80 सीटों में से 71 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे को बेहद आक्रामक ढंग से उठा सकती है और इसके संकेत मिलने लगे हैं. क्योंकि बीजेपी ने हमेशा इस गेम प्लान का लाभ लिया है और वो इस बार भी ये चाहेगी कि हिदुत्व उसे चुनावी वैतरणी को पार कराने में मदद करे.
योगी आदित्यनाथ के रूप में बीजेपी के पास आक्रामक गेम प्लान का एक चेहरा है. योगी ने राम मंदिर से लेकर गोरक्षा तक अपने बयानों को फैसलों से ये जाहिर किया है कि वो आक्रामक हिन्दुत्व के हिमायती हैं. हिंदुत्व को हवा देकर जातियों की सीमा को तोड़ने की कोशिश बीजेपी कर सकती है. योगी की मदद के लिए बीजेपी ने यूपी का नया प्रभारी गोवर्धन झड़ापिया को बनाया है.
झड़ापिया के बारे में ये जान लीजिए कि गुजरात दंगों के समय वो वहां के गृह मंत्री थे. गोवर्धन झड़ापिया लंबे समय तक वीएचपी में रहे हैं. तोगड़िया का करीबी माने जाते हैं. आक्रामक हिंदुत्व के मुद्दों को उठाने के लिए मशहूर हैं. मोदी काल के आरंभ के बाद 2014 में गोवर्धन बीजेपी में लौटे थे अब यूपी में योगी सेना की मदद के लिए वो मैदान में उतर चुके हैं.
इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है क्योंकि मोदी-शाह ने अगर उन्हें यूपी भेजा है तो इसके माएने हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी के प्रभारी खुद अमित शाह थे. यानी शाह की जगह गोवर्धन ने ली है. अब आप समझ सकते हैं. योगी आदित्यनाथ और गोवर्धन झड़ापिया के सहारे बीजेपी क्या गेम प्लान बना रही है. बीजेपी अच्छी तरह जानती है कि अगर सपा-बसपा के समीकरण को ध्वस्त करना है तो हिन्दुत्व के मुद्दे को धार देनी होगी.