आरएसएस के नंबर 1 और नंबर 2 के निशाने पर मोदी सरकार
आरएसएस के नंबर एक और नंबर दो ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और आरएसएस के सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने एक सुर में दो बड़े मसलों पर सरकार को घेरा है. लोकसभा चुनाव से एन पहले मोदी सरकार को इस खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
राम मंदिर और सैनिकों की शहादत के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कई बात कहा है कि उनकी सरकार गंभीर है लेकिन अपने आरएसएस के नंबर एक और नंबर दो नेताओं के बयानों पर गौर करें तो मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सैनिकों की शहादत को लेकर जो ताजा बयान दिया है वो मोदी सरकार को परेशान कर सकता है. गुरुवार को प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सैनिकों के शहीद होने को लेकर ये बयान दिया. अपने बयान में संघ प्रमुख ने कहा है
‘भारत को आजादी मिलने से पहले देश के लिए जान कुर्बान करने का वक्त था. आजादी के बाद युद्ध के दौरान किसी को सीमा पर जान कुर्बान करनी होती है. हमारे देश में कोई युद्ध नहीं है फिर भी लोग शहीद हो रहे है…क्योंकि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं. अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए. लेकिन ऐसा हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि इसे रोकने और देश को महान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.’
संघ प्रमुख का ये बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि हालिया सालों में सरहद पर सैनिकों की शाहदत के मामले बढ़े हैं.
आरटीआई के जरिए गृहमंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों के दौरान यानी मई, 2014 से मई, 2017 तक सिर्फ जम्मू कश्मीर में 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए, जबकि 183 जवानों की शहादत हुई.
सिर्फ आरएसएस प्रमुख ने ही नहीं भैया जी जोशी ने राम मंदिर निर्माण में देरी को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा. भैया जी जोशी कुंभ में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे. उन्होंने कहा है कि
‘जब साल 2025 में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा. तब भारत उसी तरह तेजी से आगे बढ़ेगा जिस तरह 1952 में सोमनाथ मंदिर के निर्माण के बाद हुआ था और जवाहर लाल नेहरू पीएम थे.’
भैया जी जोशी ने मोदी राज में भारत के फिर से विश्वगुरु बनने की राह पर चलने के दावों को भी नजरअंदाज किया और व्यंग्य करते हुए कहा कि भारत तकरीबन 150 साल बाद विश्वगुरु बन जाएगा. ये दो बयान गहरे हैं और इसलिए भी अहम हैं क्योंकि मोदी सरकार से आरएसएस नाराज है. कई मौकों पर आरएसएस के लोग कह चुके हैं कि अगर बीजेपी की सरकार बनी है तो उसमें राम मंदिर की बड़ी भूमिका है.