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फ्रांस और जर्मनी में बेरोजगारी अभिशाप नहीं

ये बात सच है कि भारत में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. युवाओं की फौज खड़ी है और सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही है. सरकार ने रोजगार का तोड़ बेरोजगारी भत्ते से निकालने की कवायद शुरू की है. ऐसा नहीं है कि बेरोजगार सिर्फ भारत में ही हैं. दुनिया के विकसित देशों में भी बेरोजगार हैं लेकिन वहां बेरोजगारों का समस्या नहीं होती क्योंकि सरकार के पास उनके लिए अच्छी प्लान है.

भारत में राज्य की सरकार बेरोजगारी भत्ता बांटती हैं तो भत्ते की रकम 2500 हजार के करीब होती है. ऐसी महंगाई के दौर में इतना पैसा तो नौकरियों के लिए अप्लाई करने में ही खर्च हो जाता है. अब बाकी का खर्च कैसे चले ? ये सवाल उसके लिए मुंह खोले खड़ा रहता है. जब ये खबर आ रही है कि मोदी सरकार देश के सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना बना रही है तब ये भी जान लीजिए कि दुनिया के दूसरे देश इस समस्या से कैसे निपटते हैं ?

मोदी सरकार जिस UBI स्कीम को लागू करने की योजना बना रही है वो यूरोप और दुनिया के विकसित देशों में लागू है. ये देश बेरोजगारों का विशेष ख्याल रखते हैं. भारत में किसी सरकारी नौकरी के वेतन से ज्यादा तो इन देशों के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिलता है.

इटली में तो बेरोज़गारों को हर महीने 90,000 रुपये सरकार देती है. फ्रांस में बेरोजगारों को सालाना 7,000 यूरो यानी भारतीय मुद्रा के पांच लाख रुपये होते हैं. महीने के हिसाब से देखें तो 45 हजार रुपये महीना यहां बेरोजगारों को UBI सैलरी मिलती है. फ्रांस के पड़ोसी जर्मनी में हर महीने सरकार बेरोजगारों को 30 हजार रुपये देती है.

हालांकि वहां बेरोजगारों की संख्या भारत के बराबर नहीं है. फिर भी इन देशों के बेरोजगार भारत के किसी अच्छी नौकरी के बराबर पैसा सरकार की UBI स्कीम से लेते हैं. हालांकि कुछ देशों में ये शर्त भी होती है कि UBI योजना का लाभ लेने वाले को तय समयसीमा में नौकरी तलाशनी होगी.

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