Site icon Rajniti.Online

पाबंदियां क़तर के पर नहीं कतर पाईं

खाड़ी के अमीर देशों में शुमार क़तर की अर्थव्यवस्था सरपट दौड़ रही है. भारत के लिए ये जरूरी इसलिए है क्योंकि भारत के कई कामगार क़तर में रोजगार के सिलसिले में जाते हैं. जून 2017 में जब क़तर के चार पड़ोसी देशों ने उस पर आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगाए तो उन कामगारों को झटका लगा था.

क़तर के ऊपर सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात ने आतंकियों की मदद करने के लिए ये पाबंदी लगाई थी. हालांकि कतर ने दुनिया को ये समझाए कि वो आतंकियों का मददगार नहीं है. और वो निवेश के लिए बेहतर माहौल देने में सक्षम है. जिन चार देशों ने क़तर पर पाबंदी लगाई थी उनकी 13 मांगे थीं जिसने ईरान से ताल्लुक तोड़ने और अलज़जीरा चैनल बंद करने की मांग थी.

क़तर ने ये मांगे नहीं मानी और 19 महीनों से पाबंदियों का सह रहा और क़तर के कुल आयात का 60 फ़ीसदी हिस्सा जिन चार देशों से होता है वो उसके खिलाफ खड़े हैं. चुंकि क़तर बहुत हद तक खाने के सामान के लिए इन देशों पर निर्भर था लिहाजा खाने का सामान अब तुर्की और ईरान से मंगवाना पड़ रहा है. क़तर ने दुनिया भर से गाय मंगवाईं और देश में दूध की आपूर्ति सुनिश्चित की.

क़तर ने पाबंदियों के बाद भी अपने परों को उड़ाने के लिए लायक बनाए रखा और नतीजा ये हुआ कि पांबदियों के 4 महीने बाद ही 7.4 बिलियन डॉलर से बना हमाद बंगरदाह शुरु हो गया और यहां बड़ी तादाद में जहाज आने लगे. इससे हुआ ये कि सामान सीधे क़तर पहुंचने लगा. पहले ये दुबई के रास्ते आता था. अमेरिका से रिश्ते साधकर कतर ने खाने पीने का सामान मंगवाया. क़तर एयरवेज की अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग और अमरीका के दूसरे क्षेत्र में किए गए निवेश का भी असर हुआ.

क़तर ने खाड़ी के बाहर के देशों से अपने रिश्तों को मजबूत करना शुरू किया. सरकार ने आर्थिक सुधारों की घोषणा करते हुए कहा कि मजदूरी कानून, निजीकरण, विशेष आर्थिक क्षेत्र और विदेशी स्वामित्व की सीमा में बदलाव किए. आपको बता दें कि क़तर लिक्विफाइड नेचुरल गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है और 2017 में क़तर ने 81 मिलियन टन गैस का निर्यात किया. ये दुनिया के कुल इस्तेमाल का 28 फीसदी था.

इतना ही नहीं क़तर रोजाना छह लाख बैरल तेल निर्यात करता है लेकिन सरकार ने गैस के निर्यात पर ज्यादा ध्यान दिया. इसके अलावा क़तर के पास हाइड्रोकार्बन का बड़ा भंडार है, 2017 में क़तर का आर्थिक विकास 1.6 फीसदी बढ़ा. IMF के मुताबिक़ क़तर की अर्थव्यवस्था 2018 में 2.4 और 2019 में 3.1 फीसदी तक बढ़ेगी.

महज तीन लाख की आबादी वाले इस मुल्क ये साबित कर दिया है कि उसके पास कुदरती तौर पर इतनी ताकत है कि उसके पर कतरना आसान नहीं है. क़तर के पास इतना पैसा है कि वो सभी रो आसानी से रोजगार दे सकती है. इसलिए पाबंदियां उसके ऊपर असर नहीं कर पाईं क्योंकि वो अपने नागरिकों ये बताने में कामयाब रहा कि वो बिखरेगा नहीं.

Exit mobile version