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राहुल का ‘BM फॉर्मूला’ गठबंधन की काट !

सपा-बसपा में बात बन गई है और दोनों 19 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं. लेकिन कांग्रेस की क्या भूमिका होगी. क्योंकि अखिलेश-माया अगर कांग्रेस को भाव नहीं दे रहे तो ऐसा भी नहीं है कि कांग्रेस दिल से चाह रही है कि वो गठबंधन का हिस्सा बने. इसके कुछ कारण हैं.

राहुल गांधी की टीम काफी दिनों से यूपी के लिए प्लान-बी पर काम रही थी. राहुल गांधी जानते थे कि यूपी में माया-अखिलेश उन्हें ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं हैं. दोनों ही नेता लगातार कहते आए हैं कि कांग्रेस के लिए वो सिर्फ दो सीटें (अमेठी और रायबरेली) छोड़ने को तैयार हैं लेकिन राहुल गांधी इसके लिए राजी नहीं थे. 11 दिसंबर 2018 के नतीजों के बाद तो बिल्कुल भी नहीं. लिहाजा राहुल गांधी के प्लान-बी के तहत जो फॉर्मूला तैयार किया गया है उमें कांग्रेस यूपी में BM पर काम कर रही है. B=ब्राह्मण और M= मुसलमान.

अखिलेश और मायावती के बीच 38-38 की डील लॉक हुई है. दो सीटें अन्य के लिए हैं, दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने का फैसला किया गया है. हैरान करने वाली बात ये रही कि राहुल गांधी इस गठबंधन पर निगाह तो लगाए हुए हैं लेकिन वो अपनी तरफ से कोई पहल नहीं कर रहे. उनमें वैसी उत्सुकता नहीं है जैसे 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले थी. इसकी वजह है कांग्रेस का फॉर्मूला BM. ये कॉग्रेस के प्लान बी का हिस्सा है. टीम राहुल लगातार यूपी की सभी सीटों पर रिसर्च कर रही है. प्रियंका गांधी की देखरेख में सभी सीटों पर रिसर्च किया जा रहा है. पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी ने कैसे यूपी में 80 में से 71 सीटें जीतीं.

टीम राहुल का मानना है कि कांग्रेस यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और आधी सीटें जीतने की कोशिश करेगी. कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी के सांसदों के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी है और इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा. राहुल गांधी को ये भी लग रहा है कि सपा और बसपा आधी-आधी सीटों पर लड़ेंगे और दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं का टिकट कटेगा लिहाजा कांग्रेस ऐसे नाखुश नेताओं को साधेगी. कांग्रेस यूपी के दिग्गज और प्रभावशाली ब्राह्मण नेताओं को टिकट देने की योजना पर काम कर रही है. क्योंकि ब्राह्मणों का वोट यूपी में 18% है. कांग्रेस कोशिश करेगी कि वो इस वोट बैंक कों बांटकर बीजेपी को कमजोर करे.

BM फॉर्मूले में बीजेपी मुसलमानों को टारगेट कर रही है क्योंकि मुसलमानों की यूपी में करीब 14 % आबादी है.कांग्रेस इतिहास को दोहराना चाहती है क्योंकि 2009 के लोकसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने ही कांग्रेस को 21 जीतें जिताई थीं. 2009 के चुनावों में बीजेपी को सिर्फ 10 सीटें मिली थीं. सपा ने 23 और बसपा ने 20 सीटें जीतीं थी. टीम राहुल चाहती है कि 2009 के फॉर्मूले को दोहराया जाए. अभी हाल ही में राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि

‘उत्तर प्रदेश के नतीजे इस बार सबको चौका देंगे क्योंकि वे इस बार धाकड़ आइडिया लेकर आने वाले हैं’

राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस की रणनीति  ये भी है कि सपा-बसपा के साथ जाने से उनका पारंपरिक वोटबैंक भी उनसे खफा होकर बीजेपी में जा सकता है और ये जोखिम वो लेना नहीं चाहते. कांग्रेस के कार्यकर्ता और राहुल गांधी को तीन राज्यों में मिली जीत से काफी फायदा हुआ है. और इसका नतीजा ये है कि अब राहुल आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आ रहे हैं. फिर चांहे वो मोदी को घेरना हो या फिर गठबंधन के मामले में क्षत्रपों से समझौता करना हो.

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